Friday , 22 November 2024
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न्यूज़ इम्पैक्ट : इस इंजेक्शन की नहीं कर पायेंगे कालाबाजारी, सरकार ने उठाये कड़े कदम

देहरादून: ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ी दवाओं और इंजेक्शन की बाजार में डिमांड बढ़ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने ब्लैक फंगस की दवा एंफोटेरिसिन-बी का सरकार ने पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। पहाड़ समाचार ने जेक्शन के बाजार से अचानक गायब होने को लेकर सवाल खड़े किये थे। इंजेक्शन बाजार में मिल ही नहीं रहा है, जबकि राज्य में ब्लैक के केवल 30 मामले हैं। सरकार ने अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन का नियंत्रण पूरी तरह से अपने हाथों में ले लिए है।

सरकार ही इस इंजेक्शन को कोविड अस्पतालों, मेडीकल कॉलेजों और सरकार की अन्य चिकित्सीय संस्थाओं को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए एसओपी भी जारी कर दी गई है। इसके अनुसार ब्लैक फंगस की दवा का वितरण अलग व्यवस्था के तहत होगा। इस व्यवस्था के तहत प्रदेश में दवा के भंडारण और मांग की पूर्ति करने के लिए कुमाऊं में डॉ. रश्मि पंत और गढ़वाल में डॉ. कैलाश गुनियाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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इसी तरह अस्पतालों और अन्य संस्थाओं को कहा गया है कि वे दवा की मांग के बारे में दून मेडीकल कॉलेज के डॉ. नारायणजीत सिंह और कुमाऊं में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसआर सक्सेना से संपर्क करेंगे। कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए दवा का उपयोग करने वाले अस्पतालों दवा की खाली शीशियों को जमा कराना होगा। इतना ही नहीं इसमें यह भी कहा गया है कि दवा का अगर उपयोग नहीं होता है तो वापस करनी होगी।

एसओपी में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने पर चिंता जताई गई है और कहा गया है कि यह रोग कोविड-19 के संक्रमण में साथ-साथ उभर कर सामने आ रहा है। ऐसे में इस रोग की दवा का उचित इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इससे पहले ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए गठित समित ने भी अपने सुझाव सरकार को सौंपे, जिसके बाद यह एसओपी तैयार की गई है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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