Friday , 25 April 2025
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Uttarakhand Education Department : शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की ‘डिजिटल क्लास’, करना होगा 10 घंटे का ऑनलाइन

देहरादून : प्रदेश के सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए अब डिजिटल तकनीक में दक्ष होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत उन्हें 31 मार्च तक ई-सृजन एप के माध्यम से 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स पूरा करना होगा। इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक तकनीक से लैस करना है, ताकि वे पठन-पाठन में डिजिटल साधनों का अधिकतम उपयोग कर सकें।

कोर्स न करने पर गोपनीय आख्या में होगी एंट्री

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (C.E.O) को निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, यदि कोई शिक्षक या प्रधानाचार्य निर्धारित अवधि तक कोर्स पूरा नहीं करता है, तो उसकी वार्षिक गोपनीय आख्या (ACR) में इसे दर्ज किया जाएगा, जिससे उनके करियर पर प्रभाव पड़ सकता है।

डिजिटल शिक्षा की ओर बढ़ता कदम

अपर निदेशक ने स्पष्ट किया कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के युग में शिक्षकों के लिए डिजिटल तकनीक का ज्ञान होना अनिवार्य है। इससे न केवल शिक्षण कार्य को प्रभावी बनाया जा सकेगा, बल्कि छात्रों को भी आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी।

ई-सृजन एप से होगा प्रशिक्षण

SCERT द्वारा तैयार ई-सृजन एप के माध्यम से शिक्षक डिजिटल प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह एप शिक्षकों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगा और उन्हें शिक्षण कार्य में डिजिटल टूल्स का अधिक उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।

सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य हुआ कोर्स

इस कोर्स को लेकर पहले भी प्रयास किए गए थे, लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब इसे कक्षा 1 से 12 तक के सभी प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

प्रमाणपत्र और मूल्यांकन

कोर्स पूरा करने के बाद शिक्षकों को ऑनलाइन प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसकी प्रति उन्हें अपने प्रधानाचार्य और खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपनी होगी। कोर्स के अंत में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की परीक्षा भी होगी, जिसमें यह जांचा जाएगा कि उन्होंने कितना सीखा है।

डिजिटल बदलाव की ओर एक मजबूत कदम

प्रदेश सरकार का यह निर्णय शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। डिजिटल शिक्षा का यह अभियान स्कूलों में स्मार्ट लर्निंग को बढ़ावा देगा और छात्रों के लिए शिक्षा को अधिक रोचक और प्रभावी बनाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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