Saturday , 5 July 2025
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उत्तराखंड: अलविदा वैक्सीन मैन…आखिरी पल तक करते रहे काम

देहरादून: रुद्रप्रयाग में अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव निवासी वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर चंद्रबल्लभ बेंजवाल का निधन हो गया है। कोरोना पाॅजिटिव होने और अस्पताल में भर्ती होने से पहले वैक्सीन मैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को को यह भरोसा दिलाया था कि भारत इम्यूनालाॅजिकल एंड बायोलाॅजिकल लिमिटेड (BIBCOL-बीआईबीसीओएल) देश को सस्ती वैक्सीन दे सकता है। उन्होंने इसको लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया था। उसके देखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीआईबीसीओएल को कोरोना वैक्सीन बनाने की अनुमति दी थी। बेंजवाल स्वदेशी कोवाक्सिन निर्माण प्रोजेक्ट के हेड भी थे।

आखिरी दिनों तक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी लेते रहे

19 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। तब भी वैक्सीन प्रोजेक्ट से जुड़े हर पहलुओं का निरीक्षण किया। यहां तक कि नाक में ऑक्सीजन नली लगी होने के बाद भी वैक्सीन मैन अपने आखिरी दिनों तक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी लेते रहे। वैक्सीन मैन ने देश को पोलियो मुक्त करने में भी अहम भूमिका निभाई। उनके ही नेतृत्व में पोलियो के टीके का निर्माण हुआ था। साथ ही अन्य कई दवाएं भी उनकी देखरेख व मार्गदर्शन में बनी हैं जो प्राइवेट कंपनियों से बहुत सस्ती हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद बेंजवाल पैतृक गांव में ही जीवन गुजारना चाहते थे। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पैतृक मकान की मरम्मत भी करा ली थी। लेकिन, उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

IIT मद्रास से आईआईटी की पढ़ाई

IIT मद्रास से आईआईटी की पढ़ाई के बाद उनकी नियुक्ति भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (BIBCOL-बीआईबीसीओएल) में हुई। वो वर्तमान में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट थे। वे कहते थे एक हल्की चूक लाखों जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है। घर में बच्चों के साथ वे दोस्त की तरह रहते थे। ललित बेंजवाल बताते हैं कि उनके भाई ने जिस शिद्दत के साथ कार्य किया, उसके अनुसार उन्हें वह पहचान नहीं मिल पाई।

गांव में ही रहना चाहते थे
वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल को अपने गांव और माटी से बेहद प्रेम था। वह सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में ही रहना चाहते थे। वे गांव व पहाड़ के लिए सपने बुन रहे थे। उनकी योजना थी कि बेंजी गांव में रिसॉर्ट बनाकर स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जाए। वे पहाड़ और पहाड़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ शिक्षा की बेहतरी के लिए काम करना चाहते थे। उन्होंने बीते वर्ष गांव में रहते हुए रिजॉर्ट के लिए अपने पुराने खेतों को कटवाकर चैड़ा रास्ता भी बनवाया था।

हर काम को पूरी ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ करते थे

बीआईबीसीओएल में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के पद पर तैनात रहते हुए उनके मन में कभी-कभी एक टीस सी उभर जाती थी। वे कहते थे मेरे साथ के लड़के कॉरपोरेट में करोड़ों कमा रहे हैं। मैं सरकारी मुलाजिम ही रह गया, लेकिन कोई नहीं, वे पैसा कमा रहे हैं ओर मैं दुआएं। वे अपने हर काम को पूरी ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ करते थे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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