Monday , 16 June 2025
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उत्तराखंड को मिला राज्य का पहला फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन, स्पीड मोटर बोट भी मिली

देहरादून : डीजीपी अशोक कुमार की उपस्थिति में SDRF फ्लड रेस्क्यू टीम द्वारा टिहरी झील में नवनिर्मित फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन पर स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट का डेमोस्ट्रेशन किया गया। यह राज्य का पहला फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन है।

DGP अशोक कुमार की उपस्थिति में SDRF फ्लड रेस्क्यू टीम द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल में एसडीआरएफ पोस्ट कोटि कॉलनी, टिहरी झील पर राज्य के प्रथम फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन पर स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट व दो रेस्क्यू मोटर बोट का डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया।

उत्तराखण्ड राज्य आपदा के प्रति अति संवेदनशील है। प्रदेशवासियों को प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं की विभीषिका का सामना अक्सर करना पड़ता है। विगत वर्षों में आपदाओं की संख्या एवम उसकी विभीषिका में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

आपदाओं के इस दंश से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल(SDRF) को सशक्त करना नितांत आवश्यक है। DGP अशोक कुमार की दूरदर्शिता ही रही जिन्होंने टिहरी झील के बड़े क्षेत्र में किसी भी आकस्मिकता में त्वरित प्रतिवादन हेतु राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) को सशक्त करने हेतु विचार किया।

अपने अथक प्रयासों से टिहरी झील में न केवल एक फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बल्कि आपदा और राहत कार्यों को गति देने केे लिए 115 हार्सपावर की दो रेस्क्यू मोटर बोट व 150 हार्सपावर की स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट के माध्यम से एसडीआरएफ की क्षमता को बढ़ाया। यह फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन चलायमान है।

इसे झील में कहीं भी ले जाया जा सकता है व यह 50 व्यक्तियों कलिये स्टेशन है। किसी भी बड़ी घटना होने पर घायलों को स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट से तुरन्त रेस्क्यू कर इस फ्लोटिंग स्टेशन पर लाया जा सकता है, जहां पर अस्पताल तक ले जाने से पूर्व फर्स्ट एड दिया जा सके।

यह पहली बार है कि किसी भी राज्य के आपदा मोचन बल को रेस्क्यू हेतु पूर्ण फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन मय स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट व रेस्क्यू मोटर बोट प्रदान किया गया हो। स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट त्वरित बचाव कार्यों के उद्देश्य के लिए विशिष्ट है। यह पॉलीइथाइलीन से निर्मित दोहरी दीवार वाली मज़बूत और जंग हीन नाव है।

स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट की प्रमाणित क्षमता न्यूनतम 12 व्यक्ति या अधिक है। यह रेस्क्यू मोटर बोट तलछटि व मलवे में भी आसानी से कार्य करने मे सक्षम है। इसमें चारों ओर बैठने की व्यवस्था के साथ साथ बचाव कार्यों के दौरान बचाए गए व्यक्ति को लेटने के लिए भी पर्याप्त जगह उपलब्ध है।

त्वरित बचाव कार्य करते समय पानी में किसी व्यक्ति को पकड़ने के लिए चारों ओर 16 मिमी लाइफलाइन प्रदान की गई है। इसके प्रोपेलर व टेल में प्रभाव प्रतिरोधक क्षमता है। इसका इंजन बाढ़ में तेज़ बहाव वाले पानी में भी भरोसेमंद व सुरक्षित रूप से कार्य करेगा।

टिहरी झील क्षेत्रान्तर्गत ऐसे फ्लोटिंग रेस्क्यू एरिया मय स्पीड रेस्क्यू मोटर बोट से लोग सुरक्षित महसूस करेंगे। यह मोटर बोट वॉटर रेस्क्यू व बाढ़ की स्थिति में प्रभावी होने के साथ साथ भूस्खलन इतियादी से मोटरमार्ग बाधित होने पर सम्पर्क जोड़ने व मेडिकल सुविधा समय से पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभायेंगी।

वॉटर रेस्क्यू में SDRF की भूमिका

2014 में SDRF के गठन के पश्चात SDRF की ओर से राज्य भर में आपदा संवेदनशील स्थानों पर व्यवस्थापित रहते हुए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जाता रहा है। किसी भी प्रकार की आपदा, चाहे वो जमीनी हो या पानी से सम्बंधित, SDRF ने प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ चढ़कर रेस्क्यू कार्य किये है।

उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति के अनुसार यहां भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना इत्यादि आपदाएं आती ही रहती है। चूंकि प्रदेश मे अनेकों नदियां हैं और बड़ी संख्या में जन जीवन नदी किनारे बसा है। SDRF वाटर रेस्क्यू की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

SDRF द्वारा गठन के पश्चात नदियों के किनारे होने वाली दुर्घटनाओं में अनेकों वॉटर रेस्क्यू कर कई लोगो के जीवन की रक्षा की है तथा कई शव बरामद कर उनके परिजनों के सुपर्द किये हैं।

वॉटर रेस्क्यू की अप्रत्याशित वृद्धि के दृष्टिगत जल्द ही एक वाटर रेस्क्यू विशेषज्ञ कंपनी का गठन भी किया जाना प्रस्तावित है। SDRF की ओर से उच्च प्रशिक्षण केंद्रों में फ्लड रेस्क्यू संबंधित प्रशिक्षण कर निरंन्तर अपनी कार्यक्षमता व कार्यकुशलता को बढ़ाया जा रहा है।

इसके साथ ही नई तकनीक से सुसज्जित उपकरणों के माध्यम से रेस्क्यू कार्य को और अधिक सुगम किया जा रहा हैं। अत्याधुनिक उपकरण जैसे सोनार सिस्टम, अंडरवाटर ड्रोन, रेस्ट ट्यूब,मोटरबोट, राफ्ट , डीप डाइविंग इक्विपमेंट्स इत्यादि के साथ SDRF डीप डाइविंग टीम ऋषिकेश,टिहरी व नैनीताल में तैनात है।

SDRF के वॉटर रेस्क्यू

2017 में पटना में एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर गंगा नदी में डूब गया था। बिहार प्रशासन द्वारा SDRF, उत्तराखण्ड पुलिस से सहायता मांगी गई थी। उक्त घटना में SDRF द्वारा पटना में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इसके साथ ही हरियाणा व उत्तरप्रदेश में भी SDRF द्वारा वाटर रेस्क्यू संबंधी महत्वपूर्ण कार्य किये गए है।

2019 में आंध्रप्रदेश में 72 नौका सवार लोगों के गोदावरी नदी में डूब जाने पर SDRF द्वारा अत्याधुनिक खोजी उपकरण सोनार एवं अंडर वाटर ड्रोन के माध्यम से सर्च एंड रेस्क्यू अभियान चलाकर न केवल लापता शवों को बरामद किया गया बल्कि नदी के गहराई में डूबी नौका का सटीक लोकेशन भी पता किया गया। SDRF द्वारा किये गए वॉटर रेस्क्यू कम समय में हासिल की गई कार्यकुशलता व कार्यदक्षता का एक उदाहरण मात्र है।

25 सितम्बर 2021 को मातली,जनपद उत्तरकाशी में भागीरथी नदी में टापू पर फंसे 05 लोगो को SDRF टीम द्वारा सकुशल रेस्क्यू किया गया था।

17 सितम्बर 2021 को टिहरी झील में हुई वाहन दुर्घटना में SDRF के डीप डाइवर्स द्वारा आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करते हुए डैम में से शवो को खोज निकालने का अत्यधिक चुनोतिपूर्ण कार्य किया।

माह अक्टूबर 2021 को अतिवृष्टि के उपरांत रुद्रपुर के विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण कई मकानों में पानी भर गया था।

ऐसे में जलभराव वाले स्थानों में फंसे लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिये SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन् चलाया गया। SDRF द्वारा राफ्ट की सहायता से जलमग्न हुए मकानों में जाकर कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया।

19 अक्टूबर 2021 को SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा गौहरी माफी,रायवाला जनपद देहरादून में नदी के बीच फंसे 25 गूजरों को सुरक्षित रेस्क्यू किआ गया था।

अर्धकुम्भ व कावंड़ मेला के दौरान SDRF जवान किसी भी दुर्घटना के दृष्टिगत घाटों पर तैनात रहते है। SDRF जवानों द्वारा मेलों के दौरान सेकड़ो लोगो को डूबने से बचाकर उनके जीवन को सुरक्षित किया गया हैं।

ढालवाला, टिहरी और नैनीताल में तैनात SDRF फ्लड टीम द्वारा वॉटर रेस्क्यू घटना के दौरान तत्काल प्रतिवादन करते हुए सेकड़ो लोगो का जीवन सुरक्षित किया है तथा अनेको शव भी बरामद किए है।

SDRF की रेस्क्यू क्षमता को इस फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन व स्पीड मोटर बोट से बढ़ाने का प्रयास किया गया है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना से निपटने के लिए अपनी तैयारी बढाई है। DGP अशोक कुमार का सदैव ही यह प्रयास रहता है कि पुलिस अपनी कार्य दक्षता में वृद्धि के साथ साथ आम जनमानस के हित कलिये भी प्रयासरत रहे।

उनकी इसी नेक नियति के फलस्वरूप आज फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन से एसडीआरएफ की कार्यक्षमता में वृद्धि के साथ साथ टिहरी झील क्षेत्रान्तर्गत बसे लोगो की सुरक्षा की ओर एक अहम कदम बढ़ाया गया है।

उक्त कार्यक्रम मे पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार के साथ पुलिस उप-महानिरीक्षक SDRF, एसएसपी टिहरी तृप्ति भट्ट, सेनानायक SDRF नवनीत सिंह, उप सेनानायक SDRF अजय भट्ट, सहायक सेनानायक SDRF अनिल शर्मा, शिविरपाल SDRF श्री राजीव रावत इत्यादि उपस्थित रहे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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