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उत्तराखंड : सरकार का दावा, हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था, पुलिस को 2 दिन में कालाबाजारी की 147 शिकायतें

देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रोकथाम हेतु लगातार प्रयास लिए जा रहे हैं। प्रदेश के सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में साझा प्रेस कॉफ़्रेस को सम्बोधित करते हुए जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में 216 आईसीयू बेड थे. 1 अप्रैल 2021 को 836 आईसीयू बेड थे जिनकी संख्या वर्तमान में 1336 हो गयी है। पिछले एक माह में ही करीब 500 आईसीयू बैड बढाए हैं। इसके साथ ही 1 अप्रैल 2020 को 116 थे. 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में वेंटिलेटर की संख्या 695 थी जो 842 पहुँच चुकी है।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन बैड 673 थे, 1 अप्रैल 2021 को ऑक्सीजन बेड की संख्या 3535 थी जबकि आज 6002 पहुँच चुकी है। अर्थात पिछले एक माह में लगभग 2500 आक्सीजन बैड बढाए गये हैं। सचिव श्री नेगी ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 8 मेट्रिक टन थी जबकि 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 15-20 मेट्रिक टन तक बढ़ गई और वर्तमान में 100 मेट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत है। सचिव अमित नेगी ने बताया कि जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी। हमारे पास इसकी पर्याप्त क्षमता है।

उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2020 को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडर 1193 मौजूद थे, जबकि वर्तमान में सिलेंडर की संख्या 9917 पहुँच गई है। उन्होंने बताया कि यह सभी सिलेंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स 275 थे जो 1 अप्रैल 2021 को 1275 हो गये और वर्तमान में 3275 हैं। 1 अप्रैल 2020 को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था, जबकि 1 अप्रैल 2021 से मेला हॉस्पिटल हरिद्वार में था और वर्तमान में 6 जगह हो गया है। जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, जिला अस्पताल रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है। इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता सृजित कर ली है।

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सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में 9 ऐसे स्थान हैं जहां ऑक्सीजन प्लांट जल्द लग जाएँगे। जिनमें मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ा, जिला अस्पताल चंपावत, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ शामिल है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में 13200 रेमेडीसिविर इंजेक्शन लाए जा चुके हैं, जिसमें 2 बार स्टेट प्लेन के माध्यम से अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाए गए हैं। सचिव अमित नेगी ने कहा कि सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। जनता का सहयोग भी बहुत जरूरी है। कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करें। लोग काफी जागरूक भी हुए हैं।

आइजी अमित सिन्हा ने दवाओं की कालाबाजारी को लेकर की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कालाबाजारी रोकने हेतु 112 टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है । बीते 2 दिन में 147 शिकायतें पुलिस टीम को प्राप्त हुई है, जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर की ओवर रेटिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर जीवन रक्षक दवा एवं हॉस्पिटल बेड की कालाबाजारी को लेकर कोई बात सामने आती है तो जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा। आईजी सिन्हा ने बताया कि पुलिस मास्क ना पहन ने वालों के चालान की कारवाई कर रही है। हालांकि लोगों में काफी जागरूकता आई है।

वही होम आइसोलेशन एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग संबंधित जानकारी देते हुए डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी लोगों को फोन कॉल्स किए जा रहे हैं बीते 6 दिन में लगभग 26 हज़ार लोग होम आइसोलेशन में रह रहे थे। एसडीआरएफ की टीम रोजाना लगभग पाँच हजार फोन कॉल करती है उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत सामने आती है तो उनकी संबंधित डॉक्टरों से बात भी कराई जा रही है। बीते 2 दिन में 600 से ज्यादा मरीजों की डॉक्टरों से मरीजों की बात कराई जा रही है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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