Thursday , 13 March 2025
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उत्तराखंड: सरकारी नहीं, फिर भी इन पर सरकार हर साल खर्च करती है 200 करोड़!

  • राज्य में सरकारी स्कूलों के साथ अशासकीय स्कूल भी चलते हैं।

  • इन स्कूलों को पूरा संचालन मैनेजमेंट कमेटी करती है।

देहरादून: राज्य में सरकारी स्कूलों के साथ अशासकीय यानी अर्धसरकारी स्कूल भी चलते हैं। इन स्कूलों को पूरा संचालन मैनेजमेंट कमेटी करती है। उन्हीं के जिम्मे पूरी व्यवस्था होती है। ये स्कूल बच्चों से फीस भी वूसलते हैं। बावजूद, सरकार इन पर प्रत्येक साल 200 करोड़ से अधिक का खर्च अनुदान के रूप में करती है।

बड़ा सवाल यह है कि सरकारी स्कूलों की हालत बड़े-बड़े दावों के बाद आज तक नहीं सुधर पाए हैं। स्थिति है कि सरकार अटल आदर्श स्कूल भी बना रही है। स्कूलों में एडमिशन के लिए खास तरह के कैंप और प्रवेशोत्सवों को आयोजन भी कर रही है। लेकिन, स्कूलों में छात्रों की संख्या हर साल कम होती जा रही है। आलम यह है कि स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण राज्यों कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

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अगर सरकार पूर्ण सरकारी स्कूलों का संचालन नहीं कर पा रही है, तो फिर अशासकीय स्कूलों पर इतनी मोटी रकम क्यों खर्च की जा रही है। इन स्कूलों में पढ़ाई कैसे होती है। दसवीं और 12वीं का परिणाम कैसा रहा, कोई पूछने वाला नहीं है और ना आज तक किसी ने जहमत उठाई है।

लेकिन, इस मर्तबा महानिदेश शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सात बिंदुओं में समीक्षा की रिपोर्ट मांगी है। उनके निर्देश के बाद अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सभी प्रदेश के सभी सीईओ को सात बिंदुओ प्रतिदिन समीक्षा के आदेश दिए हैं।

नई प्रक्रिया के तहत प्रत्येक कार्यदिवस में 5-5 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बुलाकर समीक्षा होगी। स्कूलों का विगत 5 वर्षों का बोर्ड परीक्षाफल व पास आउट छात्रों के आउटपुट की स्थिति की समीक्षा। 5 वर्षों की छात्र संख्या व छात्र संख्या घटने-बढ़ने का अनुपात। विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों कार्मिकों की संख्या । मासिक वेतन पर होने वाला व्यय। साथ ही स्कूल की गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए किये जा रहे अभिनव प्रयोगों के बारे जानकारी हासिल करने के साथ ही अन्य गतिविधियों के बारे में भी पूछा जाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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