ऋषिकेश: कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां अचानक हुई मौतें परिवार को तबाह कर देती हैं। कई मामलों में नव विवाहित युवक-युवतियों की मौतें भी होती हैं। लड़कों के मामले में तो उनकी शादी कराना आसान होता है। लेकिन, 20 से 25 साल की उम्र में विधवा हुई लड़कियों के सामने जीवन जीने की बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है।
लेकिन, ऋषिकेश में एक सास-ससुर ने ऐसा काम किया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। उन्होंने अपनी विधवा बहू को बेटी की तरह विदा किया, जिसने समाज में एक मिसाल पेश की है। इस शादी की पूरे प्रदेशभर में चर्चा हो रही है। हर कोई उन सास-ससुर को सलाम कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी बहू को बेटी की तरह विदा किया।
मामला ऋषिकेश के खैरीखुर्द का है जहां लखेड़ा दंपती ने बेटे के निधन के बाद अपनी बहू के हाथ पीले किए और उसे विदा किया। बता दें कि खैरीखुर्द निवासी आनंदस्वरूप लखेड़ा के बेटे प्रशांत लखेड़ा की शादी 24 नवंबर 2020 को कंचन के साथ हुई थी। शादी के करीब6 महीने बाद ही 26 मई 2021 प्रशांत का कोरोना के चलते निधन हो गया।
कंचन 25 साल की उम्र में विधवा हो गई।अभी तो कंचन की जिंदगी की शुरुआत हुई थी लेकिन लखेड़ा दंपती ने जो काम किया वो काबिले तारीफ है। उन्होंने कंचन को बेटी की तरह रखा और उसको फिर से अपनी नई जिंदगी शुरू करने का हौसला दिया और उसके हाथ पीले करते हुए उसै माता पिता की तरह विदा किया। कंचन की शादी सुशील डोगरा मूल निवासी हमीरपुर हिमाचल प्रदेश हाल निवासी विकास नगर, से रिश्ता हुआ।
शुक्रवार 24 जून को सत्यनारायण मंदिर में हुए सादे समारोह में कंचन से सुशील के सात सात फेरे लिए। पंडित राजकिशोर तिवाड़ी ने विवाह संस्कार पूर्ण कराया और लखेड़ा दंपती आनंद स्वरूप व सरोज ने वैदिक रीति से कन्यादान कर समाज को सकारात्मक संदेश दिया।