Saturday , 2 August 2025
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उत्तराखंड : बेकाबू आग…धधकते जंगल, बेदम बेदम सिस्टम, अब वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से आस

देहरादूनः उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल में जंगल धधक रहे है। आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में एक-दो नहीं बल्कि कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर आग लगी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। वन विभाग, सरकार और आग बुझाने का पूरा सिस्टम बेदम है। केवल दावे किये गए। धरातल पर कुछ नजर नहीं आया।

कुमाऊं के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने शनिवार से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार की सुबह वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने भीमताल झील से टैं पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डाला। वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई है।

गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।

गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है।वहीं, नैनीताल के पास जंगलों में भीषण आग लगी है। आग की लपटें हाईकोर्ट के आवास तक जा पहुंची। नैनीताल भवाली रोड के पास के जंगलों में लगी आग की चपेट में जंगल का एक बड़ा हिस्सा और आईटीआई भवन आ चुका है।

एफएसओ किशोर उपाध्याय ने बताया कि जंगल में आग लगाने की सूचना मिली थी, मौके पर टीम को भेजकर आग पर काबू पा लिया गया है। वन विभाग ने आग बुझाने के लिए सेना से मदद मांगी है।आज शनिवार को नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है।

वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों को निर्देश दिए हैं कि वह वनाग्नि के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में पैनी नजर रखें और जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों पर एफआईआर दर्ज कराएं। जंगल की आग बुझाने में पीआरडी जवान और होमगार्ड भी सहयोग करेंगे।

चमोली जिले के जंगलों में फिर आग धधक गई है। शुक्रवार को जिले के अलग-अलग पांच जगह पर वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। जिससे बड़ी मात्रा में वन संपदा नष्ट हो गई है। शुक्रवार को गोपेश्वर के पास कोठियालसैंण और ग्वीलों के जंगल में आग भड़क गई। चीड़ के जंगल में आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। वहीं सुबह इंजीनियरिंग कॉलेज के नीचे के जंगल में भी आग लग गई। आग आईटीबीपी कैंपस में घोड़े के अस्तबल के पास तक पहुंच गई।

उत्तराखंड में विकराल हुई जंगलों की आग, नैनी झील में रोकनी पड़ी बोटिंग

पर्वतीय क्षेत्रों के जंगल में आग लगने का सिलसिला जारी है। भीमताल में पांडेछोड़ के तोक तय्या में जंगल की आग नवीन चड्ढा की भूमि पर पहुंच गई। इससे अखरोट के पौधे जलकर नष्ट हो गए। साथ ही प्लांट पर लगाए अन्य प्रजातियों के पौधे भी झुलस गए। वहीं जून स्टेट, सातताल से लगे जंगलों में भी आग लगी रही। वन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में लगी रही। ताड़ीखेत ब्लॉक के चापड़ गांव के जंगल में आग से वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। देर शाम तक जंगलों में लगी आग बुझ नहीं पाई थी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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