Friday , 22 November 2024
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बड़ी खबर: जरूरी नहीं रहा RTO, अब ये NGO और कंपनियां भी बनाएंगी ड्राइविंग लाइसेंस

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार तो कई दिनों तक लोगों का नंबर ही नहीं आता है। लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए अब लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। लाइसेंस बनाने के नियमों में केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया हैं। नए नियम के अनुसार, निजी वाहन निर्माताओं, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, गैर-लाभकारी संगठनों (NGO) या कानूनी निजी फर्मों सहित विभिन्न संस्थाओं को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमित दी गई है। निर्धारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे। मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की नई सुविधा के साथ RTO द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।

मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की नई सुविधा के साथ RTO ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। मंत्रालय ने दो अगस्त, 2021 को जारी बयान में कहा, “वैध संस्थाएं जैसे कंपनियां, गैर सरकारी संगठन, निजी प्रतिष्ठान/ऑटोमोबाइल एसोसिएशन/वाहन निर्माता संघ/स्वायत्त निकाय/निजी वाहन निर्माता चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे। मंत्रालय द्वारा अधिसूचित की गई ये संस्थाएं RTO द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मौजूदा सुविधा के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में सक्षम होंगी। वे मान्यता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।

परिवहन मंत्रालय के दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि इसके लिए आवेदन करने वाली कानूनी इकाई यानी वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवी) नियम, 1989 के तहत निर्धारित भूमि पर आवश्यक बुनियादी ढांचा या सुविधाएं होनी चाहिए। उनके पास स्थापना के बाद से एक साफ रिकॉर्ड भी होना चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है, “आवेदक को राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में केंद्र चलाने के लिए पर्याप्त संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए अपनी वित्तीय क्षमता दिखानी होगी। मंत्रालय ने कहा है कि जब कोई संस्था ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमति के लिए आवेदन करती है, तो नामित प्राधिकारी आवेदन मिलने के 60 दिनों के भीतर प्रक्रिया को पूरी करेगा। मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्र को संबंधित RTO/जिला परिवहन कार्यालयों (डीटीओ) को सालाना परफॉर्मेंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।

सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक राज्य सरकारों को मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों और मान्यता प्रदान करने के तंत्र के प्रावधानों का व्यापक प्रचार करना होगा। केंद्र सरकार ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग केंद्रों को चलाने के लिए कोई आर्थिक मदद या अनुदान नहीं देगी। हालांकि, संस्थाएं कॉर्पोरेट क्षेत्र से या केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत या कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत मदद मांग सकती हैं।

इसके अलावा, दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त केंद्रों को ऑनलाइन पोर्टल बनाना होगा जिसमें प्रशिक्षण कैलेंडर, ट्रेनिंक कोर्स स्ट्रक्चर (प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संरचना), प्रशिक्षण घंटे और कार्य दिवसों की जानकारी देनी होगी। इस ऑनलाइन पोर्टल में प्रशिक्षण/प्रशिक्षित लोगों की लिस्ट, प्रशिक्षकों की डिटेल्स, ट्रेनिंग के नतीजे, उपलब्ध सुविधाएं, छुट्टियों की सूची, ट्रेनिंग फीस, जैसी कई जानकारी भी होनी चाहिए।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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