मोरी : पुरोला विधानसभा क्षेत्र में तमाम योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इन सभी मामलों में एक बात हमेशा चर्चाओं में रही है कि ठकेदारों के साथ विधायक की मिलीभगत है। इस बार भी ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। यह मामला आराकोट के बेगल गांव का है, जहां जल जीवन मिशन को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है।
जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला!
जल जीवन मिशन का काम बगेल गांव में दो चरणों में हुआ था। सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप पंवार का आरोप है कि पहले चरण में कुछ भी काम नहीं किया गया। उनका आरोप है कि ठेकेदार को बिना काम के ही 80 प्रतशत पैसे का भुगतान कर दिया गया है। सवाल यह है कि जब काम ही नहीं हुआ तो बिना जांच के भुगतान कैसे कर दिया गया। यह बड़ी मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
डीएम से लेकर सीएम तक गुहार
उनका कहना है कि इस मामले में डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बेगल गांव में जल जीवन मिशन के तहत लोगों के घरों के आगे बस नल खड़े कर दिए गए हैं, जिनमें पानी ही नहीं आता है। उनका आरोप है कि कुछ जगहों पर तो पाइप ही नहीं डाले गए हैं, सीधे कनेक्शन जोड़ दिए गए।
विधायक से भी शिकायत
इसको लेकर उन्होंने विधायक दुर्गेश्वर लाल को व्हाट्सएप के जरिए भी शिकायत की और उनको लिखित शिकायत भी दी। बावजूद, विधायक ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका आरोप है कि ठेकेदार को विधायक को संरक्षण है। अगर विधायक ने भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया तो उनके विधायक आवास पर धरना दिया जाएगा।
जान से मारने की धमकी दे रहा ठेकेदार
जिलाधिकारी को भेजी शिकायत में कुलदीप पंवार का आरोप है कि उस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। ठेकेदार लगातार जान से मारने की धमकी दे रहा है। कई जिलाधिकारी को फोन कर चुके हैं, लेकिन फोन भी नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि कम से कम जिलाधिकारी अगर खुद नहीं आ सकते हैं, तो किसी जांच अधिकारी को मौके पर भेज सकते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है।
CM हेल्पलाइन से भी नहीं बनी बात
CM हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन केवल गुमराह करने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री से मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार शिकायतों की समीक्षा भी कर रहे हैं। बावजूद अधिकारी सीएम हेल्पलाइन पर मिल रही शिकायतों को लेकर लापरवाही कर रहे हैं।