देहरादून: पूर्व CM हरीश रावत (uttarakhand congress) के एक के बाद एक किए गए तीन ट्वीट के बाद उनके सलाहकार के बयानों ने उत्तराखंड कांग्रेस में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। ऐसा तूफान जिसे थामना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो रहा है।
हरीश रावत अब तक पूरी मेहनत से दिन-रात एक कर लगातार जनता के बीच जा रहे थे और लोगों का भी उनको खूब प्यार मिल रहा था। अब तक के राज्स में जितने भी सर्वें हुए हैं, उनमें हरीश रावत निर्विवाद रूप से पहले पसंद रहे, लेकिन कांग्रेस उनको फ्रंटफुट पर लाने के बजाय पीछे की ओर धकेलती नजर आई। राहुल गांधी की रैली के बाद से उनका मिजाज कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है।
मीडिया से जिस तरह से हरीश रावत हमेशा ही बात करते थे। हर सवाल का जवाब देते थे। उनके व्यवहार में वो चीजें भी बदली हुई नजर आई। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो बेहद नाराज हैं। कुछ ऐसा हुआ है, जिसने उनको संन्यास लेने और पार्टी छोड़ने जैसे विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।
उन्होंने ट्वीट के जरिए खुलेतौर पर ऐलान कर दिया। उन्होंने कांग्रेस संगठन और हाईकमान पर निशाना साधा। उसके बाद से ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। हरदा ने तीन ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने राज्य कांग्रेस संगठन और आलाकमान पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी छोड़ने और राजनीति से संन्यास लेने तक के संकेत दिए थे।
हरदा ने कहा कि सही समय पर आपको खुद कॉल करके जानकारी दूंगा, तब तक मजा लीजिए। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसके बाद शाम को हरदा से मिलने यूकेडी के नेता पहुंच गए। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
मामला शांत होता, उससे पहले भी हरदा के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने सीधेतौर पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर निशाना साधा और उनको भाजपा का एजेंट तक करार दे दिया।
उन्होंने सोशल मीडिया में एक और पोस्ट की, जिसमें उन्होंने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव जिस तरह की भाषा आंदोलनकारियों के लिए कह रहे थे, वो आंदोलनकारियों को अपमान है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में हरीश रावत के पोस्टर राहुल गांधी की रैली से हटा दिए जाएं तो पार्टी में उनकी भूमिका संदेह के घेरे में आती है। उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना पूरी है कि हरीश रावत के खिलाफ षडयंत्र में देवेंद्र यादव (Devendra yadav) की भूमिका हो।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वह जो कुछ भी कहते हैं उसमें गंभीरता होती है. जब वह कहते हैं कि उनकी पार्टी के ही कुछ लोग उन्हें दबाना चाहते हैं तो हरदा का दर्द छलकता है।
उन्होंने कहा कि जो पार्टी एकजुट नहीं रह सकती वह चुनाव कैसे लड़ेगी? इसका फायदा भाजपा को जरूर मिलेगा। ऐसा लगता है कि हरीश रावत ने पंजाब की राजनीतिक घटना से कुछ सीख ली है। उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि उन्हें आराम करना चाहिए।