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उत्तराखंड : लिफाफे में बंद हो चुका है CM का नाम, बस ऐलान का इंतजार!

देहरादून: उत्तराखंड का नया सीएम कौन होगा, इसकी अटकलें सभी लगा रहे हैं। हर दिन नया नाम सामने आ रहा है। लेकिन, असल में सीएम कौन होगा, इसका पता 19 मार्च को विधानमंडल दल की बैठक में पता चलेगा। हालांकि, दिल्ली में सबकुछ पहले ही तय हो चुका होगा। नाम को बंद लिफाफे में रखकर पर्यवेक्षक बनकर आ रहे राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी को थमा दिया जाएगा। दोनों नेता देहरादून आकर नाम का ऐलान कर देंगे।

त्रिवेंद्र को हटाए जाने के बाद भी कई नामों पर चर्चा हुई थी। तब भी माना जा रहा था कि किसी विधायक को सीएम बनाया जाएगा, लेकिन वैसा हुआ नहीं। भाजपा ने सबको चौंकाते हुए तीरथ सिंह रावत को सीएम बना दिया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या इस बार भी भाजपा सबको चौंका देगी। सूत्रों की मानें तो पुष्कर सिंह धामी फिर से सीएम शासद नहीं बन पाएंगे।

इन्हीं अटकलों में एक नाम अनिल बलूनी का भी सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि सांसद अनिल बलूनी का नाम सबसे तेजी से उभरा है। जब भी उत्तराखंड भाजपा से जुड़ी कोई हलचल होती है। उसमें केंद्र में अनिल बलूनी आ ही जाते हैं। बलूनी भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख हैं और उन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल में उन्होंने मीडिया के साथ शानदार समन्वय किया, जिसका लाभ पार्टी को मिला। देश के हर मुद्दे पर बलूनी की टीम पार्टी का पक्ष मजबूती से रखती है।

मीडिया मैनेजमेंट के मामले में अनिल बलूनी हमेशा ही नंबर वन साबित हुए हैं। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अनिल बलूनी खुद भी मीडिया में काम कर चुके हैं। उनको पत्रकारिता का अच्छा अनुभव है। बीते पांच साल के दौरान त्रिवेंद्र, तीरथ और धामी सरकार में भी केंद्रीय मंत्रियों से बलूनी लगातार पहाड़ के लिए कई योजनाएं लेकर आए। उनके केंद्र में हमेशा से पहाड़ ही रहता है। योजनाओं पर स्वीकृतियां दिलाते रहे हैं। बलूनी के पक्ष में जो बात जाती है। वह यह है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भरोसेमंद नेता हैं। दोनों ही उनके काम की तारीफें करते रहते हैं। गुजरात में भी सरकार में रहते हुए दोनों नेता उनका काम देख चुके हैं।

अनिल बलूनी का जन्म 2 सितंबर 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के कंडवालस्यु में हुआ था । केंद्र के भरोसेमंद अनिल बलूनी युवावस्था से राजनीति में सक्रिय रहे। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, निशंक सरकार में वन्यजीव बोर्ड में उपाध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बने अनिल बलूनी 26 साल की उम्र में सक्रिय चुनावी राजनीति में उतर आए थे और राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में कोटद्वार सीट से पर्चा भरा था ।

लेकिन, उनका नामांकन पत्र निरस्त हो गया था। उन्होंने पूरे मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार में उपचुनाव लड़ा। लेकिन, हार गए। इसके बाद भी वह लगातार सक्रिय रहे। अनिल बलूनी पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय थे।

इस दौरान संघ के नेता सुंदर सिंह भंडारी से उनकी नजदीकियां बढ़ी और सुंदर सिंह भंडारी को जब बिहार का राज्यपाल बनाया गया तो उन्होंने बलूनी को अपना ओएसडी बनाया। इसके बाद सुंदर सिंह भंडारी को गुजरात का राज्यपाल बनाया गया। तब भी बलूनी साथ रहे। यह वही दौरान था, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। इस दौरान बलूनी की उनसे नजदीकियां बढ़ी और यहीं से उन्होंने पीएम मोदी के साथ काम करना शुरू किया।

गृह मंत्री अमित शाह ने अनिल बलूनी की काबिलियत को गुजरात में उनके कार्यकाल के दौरान ही परख लिया था। तब से ही बलूनी मोदी-शाह के भरोसेमंद बने और आज भी बने हुए है। अमित शाह नेन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद बलूनी को राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बनाया। पीएम मोदी से लेकर भाजपा के सभी बड़ कार्यक्रमों का मीडिया मैनेजमेंट अनिल बलूनी ही संभालते हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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