Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड : कोरोना ने दिए गहरे जख्म, हजारों का छिना रोजगार, इन पर कैसे मरहम लगाएगी सरकार ?

देहरादून: कोरोना की पहली लहर में कई जानें गई। नौकरी चली गई। काम-धंधे पूरी तरह से ठप हो गए। पहली लहर के बाद लोगों ने अब संभलना शुरू ही किया था कि दूसरी लहर ने दस्तक क्या दी…हर तरफ मौत का खौफनाक मंजर नजर आने लगा। देश के लगभग हर राज्य में कोरोना ने श्मशानों के बाहर लाशों की ढेर लगा दिए। कई शहर तो ऐसे हैं, जहां लाशों को जलाने के लिए लकड़ियां तक कम पड़ र्गइं। उत्तराखंड में भी बुरा हाल है। यहां सरकार दावे तो करती है कि हमारे पास पर्याप्त संसाधान हैं, लेकिन लोगों को बचा नहीं पा रहे हैं। लोग बेड, आॅक्सीजन और वेंटीलेटर के लिए भटकने को मजबूर हैं।

यहां तक तो ठीक है…लोगों के जख्मों पर सरकार के मंत्री और संसाद नमक छिड़ने का काम कर रहे हैं। जिन मंत्रियों को लोगों को सहारा देन चाहिए था। लोगों को यह भरोसा दिलाना चाहिए था कि सरकार आपको बचा लेगी। किसी को ऑक्सीजन (Oxygen) के बिना नहीं मरने दिया जाएगा। किसी को बिना इलाज के दम नहीं तोड़ने देंगे। उस सरकार के वन मंत्री हरक सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल कह रहे हैं कि श्मशान घाटों पर लकड़ी की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। संवेदनहीनत की सारें हदें पार दी गई।

अब दूसरे मसले पर आते हैं। ये मसला बहुत गंभीर और चिंताजनक है। कोरोना की दूसरी लहर चली जाएगी। हालांकि वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि नवंबर-दिसंबर तक तीसरी लहर भी आ सकती है। उम्मीद है कि आगे जो भी लहर आएगी, उससे बेहतर ढंग से निपटा जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उसके बाद आगे क्या होगा? उन लोगों के लिए सरकारें अभी से क्या प्लान बना रही हैं, जो पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं? जिनकी नौकरियां चली गई, बिजनेस खत्म हो गए, बैंकों का कर्ज कमर तोड़ रहा है। लाखों-करोड़ों का लोन लिए उन लोगों का क्या होगा? जिन्होंने यह सोचकर बैंक से कर्ज लिया था कि होटल या कोई दूसरा बिजनेस करके कुछ कमा भी लेंगे और कर्ज भी चुका देंगे।

उत्तराखंड में पर्यटन राजस्व का एक महत्वपूर्ण और बड़ा जरिया है। उसमें धार्मिक पर्यटन का पहुत बड़ा हिस्सा है। कोरोना में राज्य में पर्यटन व्यवसाय को पूरी तरह ठप कर दिया। जिसका असर यह हुआ कि उत्तराखंड को हजारों करोड़ा का नुकसान हो गया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना के कारण पर्यटन क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। आईआईएम काशीपुर की अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को 10 हजार 597 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें 23 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के नुकसान की बात कही गई है। महाराज ने कहा कि कोविड महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है।

आईआईएम काशीपुर ने पर्यटन क्षेत्र को नुकसान पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है।होटल इंडस्ट्री को 1439 करोड़ का नुकसान का अनुमान है। होटलों में काम करने वाले 21519 लोगों का रोजगार छिन गया। इसी तरह साहसिक पर्यटन को 72.67 करोड़ और 986 लोगों का रोजगार गया। होम स्टे में 90.78 करोड़ का नुकसान हुआ और 1014 लोगों को रोजगार का चला गया। इस तरह पूरे प्रदेश में 10597 करोड़ का नुकसान और 23519 लोगों का रोजगार पूरी तरह से चला गया।

 

-प्रदीप रावत (रंवाल्टा)

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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