Monday , 16 June 2025
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उत्तरकाशी: वायरल हुई हाकम की फर्जी चिट्टी, जिला पंचायत अध्यक्ष पर फिर लगाए गंभीर आरोप, SIT जांच की मांग

देहरादून: उत्तरकाशी जिला पंचायत में भ्रष्टाचार को लेकर चल रहा विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर सबसे पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले जखोल जिला पंचायत से सदस्य हामक सिंह का सोशल मीडिया में एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें यह लिखा गया है कि उन्होंने जो भी आरोप लगाए था, राजनीति प्रतिद्वंतिा के चलते लगाए थे। लेकिन, हाकम सिंह ने इस लेटर को पूरी तरह फर्जी बताया है। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से सकर दी है।

उनका कहना है कि पहली बात ता यह है कि लेटर फर्जी है। उसमें किए गए दस्तखत भी फर्जी हैं। साथ ही जिला पंचायत वार्ड की संख्या भी गलत लिखी गई है। जखोल जिला पंचायत वार्ड नंबर-22 है, जबकि लेटर में 24 लिखा गया है। हाकम रावत का कहना है कि उनको बदनाम करने के लिए उनकी फर्जी साइन वाली चिट्टी वायरल की जा रही है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।

जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह का कहना है कि नवम्बर 2019 से आज तक जिला पंचायत उत्तरकाशी ने जो भी विभिन्न मदों में निर्माण कार्य कराए, धरातल पर कुछ भी नहीं किया गया। सरकारी धन का दुरुपयोग कर गबन किया गया, जिसकी तकनीकी मैजिस्ट्रेट और एसआईटी से जांच कराई जानी चाहिए।

मस्ट्रोल कार्य पे लगाये गये विभिन्न लोगों का मस्ट्रोल फर्जी ढंग से निकाला जा रहा है। प्रभारी कनिष्ठ अभियन्ता सम्बंधित क्षेत्र का ह।ै उससे सत्यापित न करके दूसरे अन्य क्षेत्र के अभियन्ता द्वारा मस्ट्रोल सत्यापित किये जा रहे हैं, जिनको यह जानकारी नहीं है कि दैनिक काम पर लगे कर्मचारी ने काम किया है या नहीं।

यात्रा मार्ग में लॉकडाउन से अब तक लाखों रुपये का सफाई कर्मचारियों के नाम से फर्जी मस्ट्रोल निकाला गया, जिसमें सरकारी धन का दुरूपयोग हुआ, यात्रा मार्ग में कोई भी कर्मचारी नहीं रखे गये हैं। यह भी जॉच का विषय है।

वित्त अधिकारी के संज्ञान के बिना करोड़ांे रुपये का आहरण किया गया जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। इन अनियमितताओं को लेकर एक नवबंर 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से जांच की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि फिर वो इस पत्र में लगाए आरोपों को फिर से दोहराते है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्वाण पूर्व अपर मुख्य अधिकारी और अभियन्ता संजय कुमार और अवर अभियन्ता विक्रम सिंह रावत कर अधिकारी चन्दन सिंह उपरोक्त चारों लोगों की मिली भगत से सरकारी धन को ठिकाने लगाया गया है।

उनका कहना है कि इन्हीं चारांे लोगांे की मिलीभगत से रातांे-रात एमबी बिल मस्ट्रोल और भुगतान किया गया। सरकारी धन को मिल बंटकर इनकम टैक्स और जीएसटी का भी सरकार को चूना लगाया गया। क्योंकि उपरोक्त फर्जी भुगतान एक कोपरेटिव समिति ई-रघुनाथ एसोसियेट श्रम समिति और अपने चहेते ठेकेदारों को भुगतान किया गया। जबकि धरातल पर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है।

इन्हीं चारो की मिली भगत से 7.02.2020 को कई योजनाआंे पर फर्जी भुगतान किया गया। 8.09.2020 को फिर से जिन योजनाआंे पर जुलाई में भुगतान किया गया था। उन्हीं योजनाओं पर अगस्त में भी दोबारा भुगतान किया गया, जो साफतौर वित्तीय अनियमितता है।

जिला पंचायत में जो कर्मचारी लगाए गए हैं, उनसे नियम विरुद्ध कार्य करवाया जा रहा है। जिला पंचायत के नियमित कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाकर संविदा, उपनल कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि अकाउंट और निर्माण विभाग का कार्य तत्काल सीज किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि अभिलेखों में छेड़छाड़ हो सकती है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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