Wednesday , 18 June 2025
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उत्तराखंड : राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी संपन्न, 12 राज्यों के 112 साहित्यकार हुए शामिल

  • हरिद्वार में राष्ट्रीय बाल साहित्य गोष्ठी संपन्न।

  • बालसाहित्य के विभिन्न पक्षों पर हुई चर्चा।

  • देश के 12 राज्यों के 112 साहित्यकारों की सहभागिता।

अल्मोड़ा/हरिद्वार : बच्चों को उपदेश देने के बजाय हम बड़े लोगों को उनके सामने आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। ये बात कहीं लालढांग, हरिद्वार में बालप्रहरी, बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा और नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास लालढांग द्वारा 8 जून से आयोजित राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. हेमचंद्र पांडे, कुलपति हेमवतीनंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून ने।

उन्होंने कहा कि बच्चे तभी हमारा अनुकरण करेंगे। जब हम उपदेश के बजाय स्वयं अपने आचरण में उन बातों को लाएंगे।, तभी उनके आचरण में अच्छे गुण और संस्कार आएंगे। 10 जून को संपन्न समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ बालसाहित्यकार सिंघानिया विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.रामनिवास मानव ने कहा कि बच्चों के लिए लिखते समय हमें बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए बच्चा बनकर लिखना होगा।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून के प्राचार्य राकेश जुगरान ने कहा कि आज हम मानवीय मूल्यों की बात करते हैं बच्चों को संस्कार देने की बात करते हैं,दूसरी ओर घर के बूढ़े लोगों को अनाथालय में भेज रहे हैं। इस दोहरे चरित्र पर हम सभी को चिंतन मनन करने की जरूरत है। नेहरू युवा केंद्र के पूर्व महानिदेशक दयानंद आर्य ने बच्चों को बचपन से ही रचनात्मक कार्यो के लिए प्रेरित किए जाने की जरूरत बताई ।

वरिष्ठ बालसाहित्यकार गोविंद शर्मा ने कहा कि आज बच्चे मोबाइल से खेल रहे हैं। पुस्तक के बजाय उनके हाथों में मोबाइल है। बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं इसके लिए बच्चे नहीं एक साहित्यकार,शिक्षक तथा अभिभावक बतौर हम बड़े लोग पुस्तक खरीदेंगे,पढ़ेंगे तो बच्चों में इसी प्रकार के संस्कार पैदा होंगे।

‘बालसाहित्य और सामाजिक सरोकार’ विषय पर एम.बी.पी.जी.डिग्री कालेज हल्द्वानी की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभा पंत की अध्यक्षता में संपन्न सत्र में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार दया राम मौर्य, स्नेहलता,मीना सुब्बा ने अपनी बात रखी। डॉ. शील कौशिक की अध्यक्षता में ‘बालसाहित्य और मानवीय मूल्य’ विषय पर आयोजित सत्र में डॉ. अमरेंद्रसिंह,पुरूषोत्तम तिवारी, हीरालाल साहनी,डॉ. रघुबीवर सिंह बोकन आदि ने अपने विचार रखे।

इस विषय पर आयोजित खुले सत्र में लगभग एक डेढ़ दर्जन लोगों ने अपने विचार रखे। ‘बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियां’ विषय पर डॉ. इंदु गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित सत्र में वक्ताओं ने बालप्रहरी द्वारा कोरोना काल में बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा व अन्य संस्थाओं तथा व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन गतिविधियों की जानकारी साझा की।

इस सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. राकेश चक्र, ‘बच्चां की प्यारी बगिया’ बाल पत्रिका के संपादक लखन प्रतापगढ़ी,दिनेश प्रतापसिंह ‘चित्रेश’, एस.बी.शर्मा,डॉ. उमेशचंद्र सिरसवारी आदि ने अपने विचार रखे। ‘उत्तराखंड का बालसाहित्य’ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता किशोर न्याय बोर्ड अल्मोड़ा के पूर्व सदस्य तथा शिक्षाविद् के पी एस अधिकारी ने की। इस सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. राजकिशोर सक्सेना, नवल पत्रिका के संपादक हरि मोहन, पूर्व प्रधानाचार्य आनंदसिंह बिष्ट ‘आनंद’, प्रमोद तिवारी आदि ने सबोधित किया।

कविता वाचन सत्र में अध्यक्षता कर रही रेखा लोढा, मुख्य अतिथि डॉ. रामदुलार सिंह पराया,सुशीला शर्मा, जयसिंह आशावत,संगीता गुप्ता, अरविंद साहू,रत्ना लक्सम ने बाल कविताएं पढ़ी। जबकि कहानी वाचन सत्र में आशीष नेगी ने बच्चों को कहानी सुनाई। नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास के बच्चों ने कहानी वाचन तथा कविता वाचन सत्र में पढ़ी गई कहानी व कविताओं की समीक्षा की। कहानी वाचन सत्र में अध्यक्ष बतौर वरिष्ठ कहानीकार डॉ. महावीर रवांल्टा तथा मुख्य अतिथि रावेंद्र रवि व गुडविन मसीह ने भी अपने विचार रखे।

हरदेवसिंह धीमान तथा डॉ. आर.पी. सारस्वत की अध्यक्षता में दो सत्रों में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में महेंद्र भट्ट, शशि ओझा, किसान दीवान, डॉ.(मेजर) शक्तिराज,डॉ. सरोज गुप्ता,सुशील सरित, सुरेखा शर्मा, अनिल शर्मा, डॉ. राजेंद्र मिलन,अनिल शर्मा, शशि गोयल,रामाधार, खालिद हुसैन, इशरत सुल्ताना, अशोक वंसल, अर्चना त्यागी, हेमंत चावड़ा, प्रकाश पांडे,रामप्यारे प्रजापति, अनुभव राज, देवी प्रसाद पांडेय, कविता मुकेश, शिवचरण सरोहा, डॉ. कुसुम चौधरी, रामकुमार गुप्त, डॉ. सुषमा सिंह, माया अशोक, रमेश आनंद, प्रेम राजावत, रमा श्याम, रामकुमार मौर्य,नीरू मित्तल ‘नीर’, आदि ने बाल कविताओं का पाठ किया।

तीन दिवसीय समारोह के समापन अवसर पर के.पी.एस.अधिकारी द्वारा प्रायोजित गंगा अधिकारी स्मृति बाल कहानी प्रतियोगिता 2023, पुष्पलता जोशी न्यास तल्ला जोशी खोला, अल्मोड़ा द्वारा प्रायोजित पुष्पलता जोशी स्मृति बाल कहानी प्रतियोगिता 2023 तथा डॉ. अशोक गुलशन, प्रो. जगतसिंह बिष्ट, नीलम नेगी,परमेश्वरी शर्मा, कैलाश डोलिया, कलावती साहित्य पुरस्कार ट्रस्ट अल्मोड़ा, डॉ. मंजू बलोदी, डॉ. लक्ष्मी खन्ना ‘सुमन’, स्नेहलता व यामिनी जोशी द्वारा प्रायोजित बालसाहित्य सम्मान के लिए मीरासिंह मीरा, शिवचरण सरोहा, आनंदसिंह बिष्ट ‘आनंद’,कविता मुकेश, सुधा भार्गव,डॉ. अनामिका जैन तथा रेनू मंडल, डॉ. इंदु गुप्ता, नीरू मित्तल ‘नीर’, प्रतिभा जोशी,डॉ. आर.पी. सारस्वत,डॉ. वेद मित्र शुक्ल,गोविंद शर्मा, अरविंद साहू, डॉ. शील कौशिक, पुष्पा जोशी,डॉ. शशि गोयल, अनुभव राज आदि उपस्थित सम्मानित साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न, पुष्पम पत्रम तथा अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। बाल कहानी प्रतियोगिता 2023 में मूल्यांकर्ता बतौर डॉ. शकुंतला कालरा, डॉ. विमला भंडारी, मुकेश नौटियाल, डॉ. पवनेश ठकुराठी, रमेशचंद्र पंत,अखिलेश चमन का सहयोग रहा।

समारोह के अंत में योगेश्वरसिंह अधीक्षक नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास लालढांग के सौजन्य से सभी उपस्थित आमंत्रित साहित्यकारों को प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। संगोष्ठी में डॉ. प्रभा पंत, राजकिशोर सक्सेना ‘राज’, रामलखन प्रजापति, रत्ना लक्सम, डॉ. आर.पी. सारस्वत, डॉ. चंद्रावती जोशी, इंद्रा तिवारी ‘इंदु’, अनिल शर्मा आदि रचनाकारों की 13 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।

बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा द्वारा देश की दुलर्भ 85 बाल पत्रिकाओं की प्रदर्शनी,नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास के बच्चों द्वारा 2019,2022 तथा 2023 में बनाई गई हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी और पेपरमैसी के तहत अखबार से बनाए गए खिलौने आदि को सभी ने सराहा है।

बाल कवि सम्मेलन 3 दिवसीय संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण रहा। बाल कवि सम्मेलन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास के 22 बच्चों ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। बाल कवि सम्मेलन का संचालन,अध्यक्षता बच्चों ने की। संगोष्ठी में बच्चों के लिए चलाए गए समानांतर सत्र में जहां कहानीकार व चित्रकार आशीष नेगी ने बच्चों से चित्रकला एवं संस्कृति पर बात की। वहीं डॉ. राकेश चक्र ने बच्चों को योग की जानकारी देते हुए योग कराया।

इस अवसर पर राजकीय कन्या महाविद्यालय गुरूग्राम के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष साहित्यकार डॉ. रघुवीरसिंह बोकन,नरेश कुमार मौर्य, वीरेंद्रकुमार लोढा, डॉ. अनंत ओझा, मनीष जोशी,झौली पासवान,वीणा सारस्वत, नूरे निशा,सुखदेव पांडेय, पार्वती धीमान,डॉ. संतोष चमोला, डॉ. हरीशचंद्र अंडोला,धीरज रावत सहित स्थानीय साहित्यकार तथा शिक्षकों ने भी सहभागिता की। आयोजक मंडल सदस्य बतौर प्रकाश पांडे ,गोपाल रतूड़ी, आकाश कांत, मंगेश, तेजस्वी, आशीष अग्रवाल, मीना पटवाल, दीपा, संतोषी तथा दीपशिखा साहित्यिक एवं सांस्कृति मंच हरिद्वार की अध्यक्ष डॉ. मीरा भारद्वाज आदि का विशेष सहयोग रहा।

संगोष्ठी में रात्रि सत्र में सभी साहित्यकारों ने परिचय सत्र में साहित्यिक क्षेत्र में किए जा रहे अपने अनुभव शेयर किए। तीन दिवसीय संगोष्ठी में डॉ. महेंद्र प्रताप पांडेय ‘नंद’, नीरज पंत, इंदु तिवारी ‘इंदु’, पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’, महेंद्रसिंह राणा, दिनेश रावत, प्रकाश जोशी,डॉ. उमेशचंद्र सिरसवारी तथा प्रो. प्रभा पंत ने अलग-अलग सत्रों का संचालन किया। बाल कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कक्षा 6 के मोरसिंह तथा संचालन करन पाल कक्षा 10 व उत्तम, कक्षा 7 ने की। प्रारंभ में देश के विभिन्न राज्यों से आए अतिथि साहित्यकारों ने बाल कवि सम्मेलन में शामिल सभी बच्चों को बैज लगाकर सम्मानित किया।

बच्चों ने औरेगैमी के तहत अखबार से बनाए गए मुकुट सभी अतिथियों को पहिनाए। नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास लालढांग के अधीक्षक तथा बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने तीन दिवसीय संगोष्ठी के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार के के गुप्ता एवं बहादराबाद की उप शिक्षा अधिकारी दीप्ति यादव आदि विभागीय अधिकारियों का अभिव्यक्ति कार्यशाला व संगोष्ठी के लिए सहयोग व मार्गदर्शन रहा।

संगोष्ठी में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ, बिहार, सिक्किम, महाराष्ट्र राज्यों के 112 प्रतिनिधि रचनाकारों ने सहभागिता की।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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