हल्द्वानी: 38 साल पहले सियाचिन में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर आज उनके हल्द्वानी स्थिति आवास में पहुंच गया है। उनके पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही 38 साल से सूखी आंखों में आंसुओं का सैलाब आ गया। इतने सालों से सीने में दबाया दर्द छलक पड़ा। वहां मौजूद लोगों की आखें भी नम हो गई।
उत्तराखंड: 38 साल बाद मिला “ऑपरेशन मेघदूत” के योद्धा का शव स्वतंत्रता दिवस के दिन पहुंचेगा घर
सियाचिन में “ऑपरेशन मेघदूत” के दौरान आए एवलॉन्च में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बाेला का पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंच गया है। पार्थिव शरीर के घर पर पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन सा हो गया, शहीद चंद्रशेखर हर्बाेला की पत्नी शांति देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को देखकर फफक-फफक कर रो पड़ी।
उत्तराखंड: 38 पहले हुए थे शहीद आज घर पहुंचेगा ऑपरेशन मेघदूत के योद्धा का पार्थिव शरीर
29 मई 1984 को सियाचिन में “ऑपरेशन मेघदूत” के दौरान लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला एवलॉंच में शहीद हो गए थे और 38 साल बाद सेना ने उनके पार्थिव शरीर को खोज निकाला है और आज उनके आवास पर सेना जब पार्थिव शरीर लेकर पहुंची। तो वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद चंद्रशेखर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नाम से गुंजायमान हुआ।
परिवार यह मान चुका था कि अब वो कभी लौटकर घर नहीं आएंगे। शायद यह भी उम्मीद नहीं होगी कि उनका पार्थिव शरीर भी अब कभी नहीं मिलेगा। लेकिन, नियती को कुछ और ही मंजूर था। शहीद लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर 38 साल बाद सियाचिन में मिल गया और आज शव हल्द्वानी पहुंच गया। उनको सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।