Thursday , 21 November 2024
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उत्‍तराखंड की हर्षिका की अनोखी शादी.

उत्‍तराखंड की अनोखी शादी : हर्षिका के घर आई भगवान की बारात, दूल्हा बने ‘कान्हा’…VIDEO

  • उत्‍तराखंड में हर्षिका की अनोखी शादी.

मोहन लखि जो बढ़त सुख, सो कछु कहत बनै न।
नैनन कै रसना नहीं, रसना कै नहिं नैन

श्रीकृष्ण को देखकर जैसा दिव्य आनंद प्राप्त होता है, उस आनंद का कोई वर्णन नहीं कर सकता, क्योंकि जो आँखें देखती हैं, उनके तो कोई जीभ नहीं है जो वर्णन कर सकें, और जो जीभ वर्णन कर सकती है उसके आँखें नहीं है। बिना देखे वह बेचारी जीभ उसका क्या वर्णन कर सकती है!

उत्‍तराखंड की हर्षिका की अनोखी शादी.

या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहिं कोइ।
ज्यौं-ज्यौं बूड़ै स्याम रँग, त्यौं-त्यौं उज्जलु होई।

मनुष्य के अनुरागी हृदय की वास्तविक गति और स्थिति को कोई भी नहीं समझ सकता है। जैसे-जैसे मन कृष्ण-भक्ति के रंग में डूबता जाता है, वैसे-वैसे वह अधिक उज्ज्वल से उज्ज्वलतर होता जाता है।

उत्‍तराखंड की हर्षिका की अनोखी शादी.

नेह की डोरी तुम संग जोरी।
हमसे तो नहीं जावेगी तोड़ी।
हे मुरली धर कृष्ण मुरारी।
तनिक ना आवे चौन।

मेरा यह प्रेम आपके साथ एक डोर से जुड़ चूका है जो मेरी मृत्यु होने के बाद भी नहीं टूटेगी। हे श्री कृष्ण मैंने आपको अपना सब कुछ मान लिया है।

हल्द्वानी की हर्षिका को भी कान्हा से प्रेम हुआ कि वो हमेशा के लिए कान्हा की हो गई। हर्षिका ने कान्हा को अपना प्रीतम बना लिया है। कल हर्षिका के घर कान्हा बाकायदा बारात लेकर पहुंचे और हर्षिका को ब्याहकर अपने संग ले गए। हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कालोनी फेज तीन में हुए इस अनोखी शादी के साक्षी दुल्हन के रिश्तेदार और स्थानीय लोग बने। वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई और उसके बाद हर्षिका ने कान्हा से ब्याह रचाया।

मेरे ठाकुर का आकर्षण ही कुछ ऐसा है कि जिसे वो अपना मान लें, वो उनको चाहकर भी खुद को उनसे जुदा नहीं कर सकता। मेरे कान्हा का प्रेम ही ऐसा है कि बस जो एक बार चुंबक की तरह चिपक गया तो छूटे नहीं छूटता। बस उसी ओर खींचा चला जाता है।

उत्‍तराखंड की हर्षिका की अनोखी शादी.

200 से अधिक रिश्तेदार और लोग इस अनोखी कृष्ण प्रेम वाली शादी के साक्षी बने। कान्हा और हर्षिका की शादी कुमाऊंनी रीति रिवाज के साथ संपन्न कराया गया। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि कान्हा जी की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा उनकी पुत्री के कक्ष में ही रहेगी। कान्हा से शादी संपन्न होने के बाद हर्षिका ऐसे खिलाखिला उठी जैसे उसके प्रिया-प्रीतम उसको मिल गए हों। उनके पिता ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त रही है।

हर्षिका की भक्ति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि केवल 10 साल की उम्र में ही प्रभु के लिए करवाचौथ रखा था और तब से इस नियमित जारी रखे हुए हैं। इस अद्भुत शादी के गहाव बने लोग भी खुश नजर आए। वो इसलिए भी खुश थे कि वो भगवान की शादी के साक्षी बने।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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