पौड़ी : पौड़ी, वह जिला है, जो राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर है। जिले के बई नेता मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक रह चुके हैं। उत्तराखंड सरकार में कई मंत्री और विभाग भी जिले से हैं। बावजूद, इस जिले में सबसे ज्यादा पलायान है। पलायन का सबसे बड़ा कारण सुविधाओं का अभाव है। ऐसी दिक्कत पौड़ी जिले के चैबट्टा खाल विधानसभा के भरोलीखाल इलाके के लोग पिछले 21 साल से सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई है।
सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हर गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने का दावा करती है। बड़ी-बड़ी घोषाणाएं करती है, लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ ओर ही है। भरोलीखाल इलाके के दो दर्जन गांवों की 4500 ग्रामीणों को आज भी सड़क निर्माण का इंतजार है। यहां की विधायक अमृता रावत से लेकर मौजूदा विधायक सतपाल महाराज हैं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने इन ग्रामीणों की समस्या नहीं सुनी। कांग्रेस के प्रदेश सचिव कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि यदि जल्द इस मार्ग का निर्माण नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
भरोलीखाल-एरोली मोटरमार्ग को चदौली तक निर्मित किया जाना है। यह मार्ग लगभग पांच किलोमीटर लंबा है। समाजेसवी कवीन्द्र इस्टवाल के अनुसार 2017 से लेकर अब तक तीन बार इस सड़क निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया लेकिन लोकनिर्माण विभाग के बैजरों ने सड़क निर्माण की दिशा में कोई काम नहीं किया। उन्होंने बताया कि सड़क का महज सर्वे कर इतिश्री कर दी गयी।
सड़क निर्माण न होने से क्षे़त्र के मैठाना, डांडाखेल, भरोली, ऐरोली, करोला, सौंडला, दलमोठा समेत एक दर्जन गांवों के 4500 लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें आज भी यह दूरी पैदल नापनी पड़ती है। स्कूली छात्र-छात्राओं और बीमार बुजुर्गों को इससे बड़ी समस्या होती हैं। प्रदेश सचिव कवीन्द्र इष्टवाल ने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र से पिछले 21 साल में पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत से लेकर मौजूदा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज विधायक हैं। पूर्व सीएम और मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत भी इसी क्षेत्र से हैं, लेकिन इस मार्ग का निर्माण नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि सतपाल महाराज लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।
यदि वह चाहते तो सड़क निर्माण हो सकता है। युवा नेता इस्टवाल ने चेतावनी दी कि यदि मार्ग निर्माण की दिशा में कार्रवाई नहीं की गयी तो वो आंदोलन करेंगे। पान सिंह भरपूर छोटा, अनिल कुमार भाखंड, विष्णु रावत ऐरोली, लक्ष्मी देवी चोरखिण्डा, नीलम देवी कदोला, मोहन सिंह खैलाड, क्षेत्रय पंचायत मालती देवी, निर्मला देवी और आंचल देवी।