…कोटद्वार। पत्रकार रहे और वर्तमान में जल संस्थान में कार्यरत विजयपाल रावत (विजय) मेरे लिए केवल मित्र ही नहीं, बल्कि भाई जैसे थे। कोटद्वार में अमर उजाला में पत्रकारिता के दौरान विजयपाल से पहले ही दिन मुलाकात हो गई थी। सिलसिला दैनिक जागरण और फिर कोटद्वार से विदाई लेते वक्त भी जारी रहा। विजय से कोटद्वार छोड़ने के बाद भी दूर नहीं हो पाए थे। लगातार फोन पर बातचीत होती रहती। एक दूसरे का हालचाल लेते रहते।
यह सिलसिला पिछले महीने तक भी चला। विजय ने वादा किया था कि वह जल्द ही देहरादून आएंगे और मुलाकात भी करेंगे। लेकिन, विजय आज अपना यह वादा पूरा किए बगैर हम सबको छोड़ कर चले गए। विजय की उम्र कोई ज्यादा नहीं थी। यही को हमारी उम्र 36-37 साल के बीच रहे होंगे। आज सुबह हार्ट अटैक आया और मौत हो गई। मौतें आजकल कितनी आसान हो गई हैं। हर दूसरे दिन किसी ना किसी के यूं ही मरने की खबरें आ रही हैं।
विजय की चेहरे की मुस्कान दिल छू लेती थी। इतना का व्यवाहार इतना अच्छा था कि कि जो भी मिलता, उसीका होकर रह जाता। लोगों में भी मदद के लिए हर समय तैयार रहता था। हम तो कई बार विजय को 108 इमरजेंसी भी कह देते थे। जब भी कोई संकट आता था। जब भी किसीको कोई जरूरत होती थी…विजय को एक फोन करने की देर होती थी। उधर विजय के फोन की घंटी बजी…फोन उठा और इधर आपका काम होना पक्का। लेकिन अब वह हमें छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए अपनी अनंत यात्रा पर चला गया है।
विजय की यादें, विजय की मुस्कान और विजय की वो मीठी बातें। मुस्कराना और खिलाखिलाकर हंसना हर पल, हर क्षण याद आती रहेंगी। हमें यह एहसास दिलाते रहेंगे कोई इतना खूबसूरत इंसान भी था। वैस तो विजय के साथ कई जगहों पर जाना हुआ। लेकिन, दुगड्डा से लगे हुए जंगलों में पिकनिक मनाने गए थे। वहां की ढेर सारी यादें तस्वीरों के रूप में आज भी मेरे पास सुरक्षित हैं।
दरअसल, विजयपाल जैसा बनना हर किसी के बस में कहां होता है। हर किसी का सम्मान और हर किसी की मदद के लिए हर पल खड़ा रहना उनकी खासियत थी। विजय बहुत लोगों के काम आए। उनसे जो मिला, उनका मुरीद ना हुआ हा,े ऐसा हो ही नहीं सकता। यह समझ नहीं आ रहा है क्या कहूं और किससे कहूं। हाल ही में मैंने ऐसे ही अचानक अपने साड़ू भाई को भी खोया है। वह भी बगैर कुछ बताए बगैर कुछ कहे…हमें यूं ही छोड़ कर चले गए। ईश्वर से प्रार्थना है कम से कम लोगों को एक मौका तो दे…किसी को बचा लेने का। अलविदा विजय…आप हमेशा याद रहेंगे…।
…प्रदीप रावत (रवांल्टा)