उत्तरकाशी : खनन को लेकर उत्तराखंड में सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष सरकार पर खनन प्रेमी होने का आरोप लगा रही है। खनन माफिया भी विपक्ष के आरोपों को सही साबित कर रहे हैं। तस्वीरें उत्तरकाशी जिले के डुंडा ब्लॉक की हैं, जहां खनन माफिया ने खनन के लिए भागीरथी नदी का प्रभाव रोककर बीचों-बीच सड़क बना डाली।
हैरानी इस बात से है कि खनन माफिया ने बाकायदा इसके लिए DM से अनुमति भी मांगी थी। हालांकि डीएम मयूर दीक्षित का कहना है की अनुमति नहीं दी गई थी। इससे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि खनन माफिया ने डीएम से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी सड़क बना डाली। बावजूद इसके अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
खनन माफिया राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर जेसीबी और पोकलैंड के जरिये बोल्डर व मिट्टी भरकर सड़क बनाई जा रही है। ग्रामीणों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अवैध निर्माण को फिलहाल रोक दिया। लेकिन, एनजीटी के नियमों के विरुद्ध भागीरथी में खनन के लिए सड़क बनाने वालों के खिलाफ अभी तक डुंडा तहसील प्रशासन और जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर डुंडा तहसील क्षेत्र के कच्चडू देवता मंदिर के निकट एक खनन कारोबारी बिना अनुमति और एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करते हुए भागीरथी नदी पर सड़क बना रहा है। बोल्डर व मिट्टी भरकर नदी का प्रवाह भी रोका जा रहा है। यह कार्य पिछले एक सप्ताह से चल रहा है।
डुंडा तहसील मुख्यालय आते और आते समय तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी अपनी आंखे मूंद कर जिला प्रशासन को भी अंधेरे में रखा है। जब ग्रामीणों ने रात के समय भागीरथी में जेसीबी और पोकलैंड चलती हुई देखी तो अवैध खनन की शिकायत पुलिस से की। खनन कारोबारी ने नदी के आधे से अधिक हिस्से में सड़क निर्माण कर दिया है।
भागीरथी में नदी में अवैध खनन किया जा रहा है। पट्टों की आड़ में भागीरथी नदी का सीना जेसीबी और पोकलैंड से चीर रहे हैं। डुंडा और चिन्यालीसौड़ में स्थिति बदहाल है। नदी में ही सड़क बनाकर रात के अंधेरे में अवैध खनन किया जा रहा है। बावजूद, अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं।