कोरोना का कहर एक बार फिर नजर आने लगा है। कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा भी बढ़ रहा है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है, लिहाजा राज्य त्वरित फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू और कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे जरूरी उपायों के लिए अलर्ट रहें। देश में ओमिक्रॉन के अब तक 220 संक्रमित मिल चुके हैं। दिल्ली में मिले 24 मामलों समेत सहित देशभर में 50 नए मरीजों की पुष्टि हुई।
18 दिन में संख्या 100 गुना तक बढ़ी
पिछले 18 दिन में यह संख्या 100 गुना तक बढ़ गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि किसी मरीज को आईसीयू में नहीं जाना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा 65 मरीज महाराष्ट्र और 54 मरीज दिल्ली में मिले हैं। ओडिशा के दो और जम्मू-कश्मीर में मिले तीन संक्रमितों के साथ 14 राज्यों में ओमिक्रॉन संक्रमण फैल चुका है। वहीं, 77 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।
रात्रि कर्फ्यू या कंटेनमेंट जोन
केंद्र सरकार ने राज्यों को लिए ओमिक्रॉन के लिए वार रूम तैयार करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि ओमिक्रॉन वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक होने या आईसीयू के बेड 40 फीसदी से अधिक भर जाएं, तो जिला या स्थानीय स्तर पर रात्रि कर्फ्यू या कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
टेस्ट, ट्रैक और सर्विलांस के साथ कंटेनमेंट जोन पर फोकस
केंद्र सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों को सतर्क किया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मुख्य सचिवों को लिखा है कि डेल्टा के अलावा ओमिक्रॉन देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंच गया है। इसे काबू करने के लिए सख्ती से राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों को आगे आना होगा। सख्त कदम उठाने होंगे। उन्हें टेस्ट, ट्रैक व सर्विलांस के साथ कंटेनमेंट जोन की नीति अपनानी होगी।
सतर्क होने का सही समय
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट कहा, पिछले एक सप्ताह में पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी या इससे अधिक है या अस्पतालों के ऑक्सीजन युक्त और आईसीयू यूनिट के 40 फीसदी बेड कोरोना मरीजों से भर गए हैं, तो सभी तरह की बंदिशों को लगाने का वक्त है। ये चिंताजनक हालात की ओर इशारा करती है। ऐसे में सभी राज्य सरकारों को किसी भी स्तर पर कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। भूषण ने कहा, जिला स्तर पर कोरोना के बढ़ते मामलों की निगरानी की जाए। भौगोलिक स्तर पर स्थिति क्या है इसका नियमित आकलन किया जाए। स्थानीय प्रशासन अस्पतालों की व्यवस्था को पहले ही परख लें। संक्रमण स्थानीय स्तर पर काबू कर लिया जाएगा तो राज्य के अन्य हिस्सों में इसे फैलने से रोक सकते हैं।
संक्रमण पर काबू करने की रणनीति
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, संक्रमण को काबू करने की रणनीति पर सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। इसके लिए कंटेनमेंट जोन चिन्हित करें, टेस्ट, ट्रैक और सर्विलांस पर जोर देना होगा। बेहतर उपचार की व्यवस्था करनी होगी। टीकाकरण पर जोर देने के साथ कोविड सम्मत व्यवहार का पालन हो इसका सख्ती के साथ पूरा ध्यान रखना होगा। तभी स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है।