Diwali Bonus 2022 Uttarakhand Government : उत्तराखंड की धामी सरकार ने दीपावली से पहले अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए बोनस देने का ऐलान कर दिया है। दीपावली पर राज्य सरकार के कर्मचारी बोनस मिलने की उम्मीद लगाए हुए बैठे थे। इन्हीं उम्मीदों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली के बोनस की मंजूरी दे दी है। इस तरह राज्य के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को जल्द ही दीपावली का बोनस मिल सकेगा। शुक्रवार से कर्मचारियों के खातों में दीवाली बोनस के रूप में धनराशि पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में डेढ़ लाख कार्मिकों को दीपावली बोनस की सौगात, 4800 ग्रेड वेतन तक कार्मिकों को मिलेंगे 7000 रुपये। pic.twitter.com/NBrJDkRPV8
— BharatJan भारतजन (@bharat_jan) October 20, 2022
बता दें कि, हर साल दीपावली से पहले राज्य कर्मियों को दीपावली का तोहफा दिया जाता है और इसी के अनुरूप इस बार भी राज्य कर्मचारी इस तोहफे का इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बोनस दिए जाने को लेकर अधिकृत किया था। ऐसे में दीपावली से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने इसके लिए मंजूरी दी है। इससे 120.00 करोड़ का एकमुश्त व्ययभार सरकार पर पड़ेगा।
भारत सरकार की तरह राज्य सरकार सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कर्मचारियों और समूह ‘ख’ के सभी अराजपत्रित कर्मचारियों जिनका ग्रेड वेतन रू0 4800/- (पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में लेवल-8) तक है, को वर्ष 2021-22 के लिए 30 दिन की परिलब्धियों के बराबर (अधिकतम धनराशि रू0 7000/- (रू० सात हजार मात्र) की सीमा निर्धारित करते हुए उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) अनुमन्य किये जाने का राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है।
ऐसे कैजुअल/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, जिन्होंने छः कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में पिछले तीन वर्ष अथवा इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है, उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) के रूप में रू० 1184 /– की धनराशि देय होगी।
उक्त बोनस का लाभ समूह ‘ग’ ‘घ’ व समूह ‘ख’ एवं कैजुअल/दैनिक वेतन भोगी लगभग 01 लाख 50 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्राप्त होगा. उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) पर लगभग रू0 120.00 करोड़ का एकमुश्त व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।