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उत्तराखंड: PM मोदी ने पहनी पहाड़ी टोपी, आम नहीं, बहुत खास है ये ‘टोपी’

देहरादून: PM मोदी ने जो टोपी पहनी, वह दिखने में तो आम टोपियों की तरह ही है, लेकिन उसकी अपनी कुछ खास पहचान और लक्ष्य है। टोपी खास थीम के साथ बनाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पहाड़ी टोपी पहनी। उन्होंने राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने का काम किया है।

पीएम मोदी के पहाड़ी टोपी पहनने से देशभर में इस टोपी को पहचान मिलेगी। पहाड़ी टोपियां वैसे विभिन्न तरह की होती हैं। लेकिन, आमतौर पर प्रदेशभर में इसी तरह की टोपी पहनी जाती है। पीएम मोदी गणतंत्र दिवस के मौके पर जिस टोपी को पहनकर पहुंचे। उस टोपी की अपनी खासियत है। टोपी को ऊनी कपड़े से बनाया गया है।

उस पर ब्रह्मकमल भी लगाया गया है। साथ ही टोपी पर कपड़े की एक पट्टी भी लगाई गई है, जो उत्तराखंड के विभिन्न रंगों को दर्शाता है। टोपी पर लगी पट्टी पर लगे तरह-तरह के रंग उत्तराखंड की संस्कृति की विविधता को भी दर्शाती है।

सोहम हिमालयन सेंटर के संस्थापक मसूरी निवासी समीर शुक्ला, पिछले 20-25 सालों से लगातार उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि हिमालय की धरोहरों को संजोने का काम कर रहे हैं। उन्होंने सोहम हिमालयन सेंटर में उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ी उन चीजों को संभालकर रखा है, जिनको लोग भूल चुके हैं।

सोहम हिमालयन सेंटर हिमालयी धरोहरों को संजोए रखने को वो सेंटर है, जहां आपको हिमालय की धरोहर आसानी से मिल जाएगी। म्यूजियम में जाने के बाद आपको ऐहसास होगा कि हमने पीछे क्या खोया है और हम कहां जा रहे हैं।

उन्हीं समीर शुक्ला ने यह सपना देखा कि उत्तराखंड की अपनी एक पहचान होनी चाहिए। हिमाचल टोपी ने देश-दुनिया में अलग पहचान कायम की। हर कहीं टोपी नजर आ जाती है। ठीक उसी तरह से पहाड़ी उन्होंने भी एक पहाड़ी टोपी बनाई। टोपी दिखने में तो आम है, लेकिन उसकी थीम खास है।

यह पहाड़ी टोपी अब बड़ा ब्रांड बनने के साथ ही धीरे-धीरे उत्तराखंड की पहचान बनने जा रही है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस टोपी को पहना है, लेकिन उनसे पहले देशभर की नामचीन हस्तियां टोपी को पहनी चुकी हैं। जिस तरह से यह टोपी पहचान बना रही है, उससे आने वाले दिनों में यह उत्तराखंड की भी पहचान बनेगी।

  • प्रदीप रावत (रवांल्टा)

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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