Friday , 22 November 2024
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देवडोखरी में रवांल्टी कवि सम्मेलन, शानदार और नया आगाज

देवडोखरी : देवलांग की खुशी में रवांल्टी कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। यह आयोजन 4 दिसंबर को किया गया था। देवलांग सीमांत उत्तरकाशी के पश्चिमोत्तर रवांई क्षेत्र का एक प्रमुख व प्रसिद्ध लोकोत्सव है।

जिसे लेकर लोकवासियों में खासा उत्साह बना रहता है। उसी उत्साह के साथ इस बार स्थानीय इष्टदेव रघुनाथ जी की पावन स्थली देवडोखरी में सेवा संस्था के तत्वाधान में रवांल्टी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। रवांल्टी इस क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है।

रा.क.उ.मा.विद्यालय—गडोली (देवडोखरी) के सभागार में आयोजित तथा लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं सदस्य, उत्तराखण्ड भाषा संस्थान श्री महावीर रवांल्टा जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस कवि सम्मेलन में श्री रवांल्टा के अतिरिक्त दिनेश रावत, जय प्रकाश सेमवाल, अनुरूपा नेगी, अनोज रावत, भारती आनंद, राजुली बत्रा व धीरेंद्र चौहान ने रवांल्टी तो नीरज उत्तराखण्डी ने बावरी (देवधारी) में कविता पाठ कर श्रोताओं को खूब भाव—विभोर किया।

लोक के बीच सम्पन्न हुए इस लोक भाषिक कवि सम्मेलन में लोकवासियों को दूधबोली में ही विभिन्न रसों से युक्त कविताएं ही सुनने को नहीं मिली बल्कि परंपरागत परिधान में कविता पाठ को पहुँचे कवि—कवियत्रियों एवं अन्य सभी के स्वागत—सत्कार का तरीका भी पूरी तरह लौकिक रहा।

प्रवेश द्वार पर ढोल—बाजों संग पूजा—पिठाईं यानि मंगल तिलक लगाकर पुष्प भेंट करते हुए परंपरागत तरीके से सभी का स्वागत बेहद आकर्षक रहा।

सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय —गडोली की छात्रा दीया, प्रिया, राखी, सपना व सुहानी द्वारा रवांल्टी भाषा में प्रस्तुत सरस्वती वंदना के साथ किया गया। जिसमें कोटी ‘बनाल’ निवासी सरदार सिंह रावत व बर्फिया लाल ने हारमोनियम व ढोलक और झुमराड़ा निवासी सुबल दास ने ढोल वादन कर साथ दिया।

इस दौरान उत्तराखण्ड शासन द्वारा उत्तराखण्ड भाषा संस्थान में सदस्य नामित किए जाने पर महावीर रवांल्टा का विशेष रूप से नागरिक अभिनंदन करते हुए उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक एवं कवि दिनेश रावत द्वारा तथा स्वागत—अभिवादन समाजसेवी सुखदेव सिंह रावत द्वारा किया गया।

कविता पाठ के अतिरिक्त अपने अध्यक्षीय उदबोधन में महावीर रवांल्टा ने स्वयं को इतना प्यार व सम्मान दिए जाने हेतु आयोजक मंडल और बनाल वासियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि लोकपर्व व त्योहारों के अवसर पर इस प्रकार के रचनात्मक एवं बहुपयोगी कार्यक्रम निश्चित ही वर्तमान की आवश्यकता एवं भविष्य हेतु सुखद संकेत हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि हम मातृभूमि के ऋण से कभी भी उऋण नहीं हो सकते हैं फिर भी हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बहुत अधिक नहीं भी तो ईमानदारी से उसकी एक—आध किस्त भी चुका दें तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

आयोजन में स्थानीय जनों व जन—प्रतिनिधियों का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा। सुखदेव सिंह रावत के सौजन्य से जहां आमंत्रित कवियों को स्मृति चिह्न पवन पंवार, सदस्य जिला पंचायत उत्तरकाशी के सहयोग से सभी को पुस्तक सैट ससम्मान भेंट किए गए।

बलवंत सिंह रावत, प्रधान, ग्राम पंचायत कोटी ‘बनाल’ द्वारा सभी को सूक्ष्म जलपान करवाया गया। इस दौरान सेवा संस्था के शशिमोहन रावत ‘रवांल्टा’ क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम चौहान, विद्यालय की प्रधानाचार्या कंचन रावत, जगजीवन दास, प्रधान, ग्राम पंचायत—बखरेटी, अमीन सिंह, असिता डोभाल, ललिता रावत, योगेश बंधानी, भूपेन्द्र सिंह, पंकज चौहान, तेजेन्द्र रावत, पंकज रावत, नीरज चौहान, लायबर सिंह, रमेश उनियाल, राजेन्द्र प्रसाद, चेतन सेमवाल व अत्तर सिंह रावत आदि प्रबुद्धजन का सहयोग सराहनीय रहा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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