टिहरी: पिछले दिनों चंपावत में स्कूल के बाथरूम की छत गिरने से एक बालिका की मौत हो गई थी। उसके बाद जर्जर स्कूलों के कायाकल्प का आदेश भी जारी हुआ। लेकिन, उस पर अब तक अमल शरू नहीं हुआ है। हालांकि, यह एक-दो दिनों का काम नहीं है। लेकिन, एहतियातन ऐसे स्कूलों को खाली कराया जाना चाहिए।
राजकीय इन्टरकॉलेज गल्याखेत में एक बड़ा हादसा होने से टल गया। प्रधानाचार्य कार्यालय की छत टूटने से वहां पर रखी कुर्सी मेज और अन्य सामान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। हादसे के वक्त प्रधानाचार्य दिवाकर प्रसाद पैन्यूली किसी कक्षा में पढ़ा रहे थे। अगर प्रधानाचार्य अपने कक्ष में बैठे होते तो आज एक बड़ा हादसा हो सकता था।
प्रधानाचार्य दिवाकर प्रसाद पैन्यूली ने बताया कि दिन में करीब 12 बजे ये हादसा हुआ। उन्होंने इसकी सूचना जिलाधिकारी, सीईओ अपने अन्य उच्चाधिकारियों के साथ ही उपजिलाधिकारी प्रतापनगर को दी है।
स्कूलों की जर्जर स्थिति की तरफ जरूर सभी को सोचना होगा,। वरना स्कूलों में किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। राइका गल्याखेत भदूरा में प्रधनाचार्य कार्यालय में हुए हादसे के बाद स्कूल के बच्चों व शिक्षकों में डर बना हुआ है। सभी लोग स्कूल भवन की जर्जर हालत को सुधारने की मांग कर रहे हैं।