देहरादून: स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत लगातार स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को सुधारने में जुटे हैं। स्वास्थ्य मंत्री लगातार अधिकारियों को गंभीरता से काम करने के निर्देश दे रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को भी इलाज के लिए भटकना ना पड़े। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार और विभागीय योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिये अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये। विभागीय मंत्री के कड़े तेवरों के बाद हरकत में आये स्वास्थ्य विभाग ने महानिदेशालय की ओर से मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र जारी कर, स्वास्थ्य सेवाओं और सुलभ बनाने के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके साथ ही आपसी समन्वय बनाये रखने एवं मरीजों को बेहत्तर सुविधाएं मुहैया कराने के लिये जिला स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित किये जायेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार न किये जाने पर भारी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को तमाम निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते आम लोगों को विभिन्न योजनाओं की ठीक से जानकारी नहीं है। डॉ. रावत ने स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत निःशुल्क औषधि वितरण, निःशुल्क डायग्नोसिस, निःशुल्क पैथौलॉजी जांचों का विवरण अस्पतालों में उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं एवं निःशुल्क हेल्पलाइन नम्बर 102 एवं 104 के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये राजकीय अस्पतालों, स्टेशनों, जिला विकास भवनों, तहसील कार्यालयों, एवं सर्वाजनिक स्थानों में सिटिजन चार्टर होर्डिंग लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि आम जन तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक से अधिक जानकारी पहुंच सके।
साथ ही कहा कि अस्पताल परिसर में किसी भी निजी संस्था का नाम नहीं लिखा जायेगा। बल्कि सरकारी चिकित्सा ईकाई और चिकत्सा प्रदाता का नाम ही अंकित किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने प्रदेश में टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार कर दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। इसके लिये उन्होंने समय-समय पर चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षण देने को भी कहा।
डॉ. रावत ने सोशल मीडिया के उपयोग हेतु जिला एवं ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि सोशल मीडिया से प्राप्त होने वाली शिकायतों का ससमय निस्तारण के साथ ही विभागीय कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके। उन्होंने जिलों में अस्पतालों के आपसी समन्वय एवं यहां आने वाले मरीजों को बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये जिला स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने को कहा। इस व्यवस्था के बन जाने के बाद 95 फीसदी मरीजों का इलाज जिला स्तर पर ही किया जा सकेगा। विशेष परिस्थितियों में ही मरीजों को रेफर करना होगा। महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. शैलजा भट्ट ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल प्रभाव से उच्च स्तरीय निर्देशों का पालन करने को कहा है।