Tuesday , 11 February 2025
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उत्तराखंड : मेरी अंजली कुछ दिन रै जा कुंवारी, समूह “ग: की भर्ती ऐगी, बणी औलू पटवारी

देहरादून: सरकारों के कामकाज पर गाने बनते रहते हैं। कुछ गाने ऐसे बने, जो बिल्कुल निशाना साधकर गाए गए। उनमें नरेंद्र सिंह नेगी के गानों ने सबसे ज्यादा धमाल माचाया था। इतना धमाल की सरकारें चली गई। राज्य में बेरोजगारी की दर देशभर से सबसे ज्यादा है। चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। युवाओं के गुस्से से बचने के लिए सरकार लगातार भर्तियां निकाल रही है। लेकिन, वह नाकाफी साबित हो रही हैं।

इन दिनों यूट्यूब पर एक गाना खूब धमाल मचा रहा है। गाने के वायरल होते ही इसके चुनावी मुद्दा बनने की बहस भी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि यह गाना सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। 2022 के चुनाव से ठीक पहले युवा गढ़वाली गायकों रोहित चौहान और राज टाइगर का एक गाना धमाल मचा रहा है। इस गाने का टाइटल पटवारी है। इसमें बेरोजगारों का दर्द दिखाया और फिल्माया गया है। ये गाना बेरोजगारों की पहली पसंद बन गया है।

गाने के जरिए दिखाया गया है कि दो दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड को इस वायदे के साथ शादी का इंतजार करने को कह रह हे हैं कि समूह ग की भर्ती आ गई है। कुछ दिन और इंतजार कर ले। वो पटवारी बनकर उसका हाथ मांगने आएंगे। भर्ती निकलती भी है, लेकिन विवाद के कारण मामले हाईकोर्ट में फंस जाता है। इस बीच लड़की किसी और से शादी भी कर देती है। इस तरह से गाने के जरिए बेरोजगारों के दर्द को दिखाया गया है।

पटवारी गाने के लेखक उत्तरकाशी भटवाड़ी के राज टाइगर 60 प्रतिशत बेरोजगार हैं। दिव्यांग कोटे से सहकारी विभाग में नौकरी के लिए आवेदन किया था। इंटरव्यू प्रक्रिया तक भी पहुंचे, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। फिलहाल राज बीएड कर रहे हैं। संगी तके क्षेत्र में ख्भी अच्छी पहचान बना चुके हैं। निर्देशन के साथ ही गाना गाते और लिखते भी हैं।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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