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AI टूल DeepSeek-R1 ने मचाया तहलका, ट्रंप तक को हो गई टेंशन, आखिर क्यों?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ गई है। चाइनीज स्टार्टअप DeepSeek द्वारा पेश किया गया नया एआई टूल DeepSeek-R1 ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। इस टूल के लॉन्च होते ही टेक्नोलॉजी जगत में हड़कंप मच गया, यहां तक कि अमेरिका और यूरोप के बड़े तकनीकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।

DeepSeek-R1: एक गेमचेंजर एआई टूल

चीन की कंपनी DeepSeek ने हाल ही में अपना नया लॉन्ग लैंग्वेज मॉडल (LLM) DeepSeek-R1 पेश किया है। यह मॉडल Mixture-of-Experts आर्किटेक्चर पर आधारित है और यह गणित, कोडिंग और सामान्य ज्ञान जैसे कार्यों में OpenAI के मॉडल o1 को कड़ी टक्कर दे रहा है।

सबसे खास बात यह है कि DeepSeek-R1, OpenAI के मॉडल की तुलना में 90-95% अधिक किफायती है, जिससे यह व्यापक रूप से उपयोग के लिए बेहद आकर्षक बन गया है। इसके अलावा, DeepSeek-R1 ओपन-सोर्स है, यानी इसे कोई भी मुफ्त में इस्तेमाल कर सकता है और डेवलपर्स इसके एपीआई को भी मुफ्त में एक्सेस कर सकते हैं।

शेयर मार्केट में आया भूचाल

DeepSeek-R1 के लॉन्च के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में हलचल मच गई। सोमवार को AI चिप्स के प्रमुख आपूर्तिकर्ता Nvidia के शेयरों में 14% की गिरावट देखी गई, जिससे कंपनी को 500 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।

अमेरिका और यूरोप की अन्य तकनीकी कंपनियों ने भी गिरावट का सामना किया क्योंकि निवेशकों ने DeepSeek के कम लागत वाले दृष्टिकोण पर प्रतिक्रिया दी। OpenAI, गूगल और सिलिकॉन वैली की अन्य कंपनियां DeepSeek के इस कदम से परेशान नजर आ रही हैं।

DeepSeek-R1 की धुआंधार लोकप्रियता

DeepSeek-R1 के लॉन्च के बाद, यह पूरी दुनिया में तेजी से वायरल हो गया। महज 24 घंटे में Apple के App Store पर DeepSeek ऐप सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले फ्री ऐप्स की लिस्ट में शीर्ष पर पहुंच गया।

हालांकि, इसकी लोकप्रियता के बीच कंपनी पर एक बड़े साइबर अटैक की खबर भी सामने आई, जिसके चलते कंपनी ने नए रजिस्ट्रेशन पर अस्थायी रोक लगा दी। अब नए यूजर्स फिलहाल साइनअप नहीं कर पा रहे हैं, जिससे यूजर्स की बेसब्री बढ़ गई है।

OpenAI और DeepSeek की टक्कर

अब तक AI चैट टूल के मार्केट में OpenAI का ChatGPT एकछत्र राज कर रहा था, लेकिन DeepSeek के आने से यह बादशाहत खतरे में पड़ती दिख रही है।

  • OpenAI में करीब 4,000 कर्मचारी काम करते हैं, जबकि DeepSeek की टीम सिर्फ 200 लोगों की है। इसके बावजूद DeepSeek ने बेहद कम समय में दुनिया का ध्यान आकर्षित कर लिया है।

  • DeepSeek-R1, OpenAI के GPT मॉडल की तुलना में कम लागत में बेहतर परफॉर्मेंस देने का दावा कर रहा है।

  • DeepSeek-R1 फिलहाल फोटो और वीडियो जनरेशन में सक्षम नहीं है, लेकिन हिंदी, अंग्रेजी, चाइनीज, हिंग्लिश समेत कई भाषाओं में जवाब देने में सक्षम है।

DeepSeek की अगली रणनीति

DeepSeek का यह नया AI टूल न केवल OpenAI को चुनौती दे रहा है, बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या OpenAI और अन्य टेक दिग्गज इस नई प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए कोई नया कदम उठाते हैं।

DeepSeek-R1 की सफलता के साथ, एआई स्पेस में प्रतिस्पर्धा नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। क्या DeepSeek AI के नए बादशाह के रूप में उभरेगा? यह तो समय ही बताएगा।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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