साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर ठग हर दिन लोगों को ठगने का नया-नया तरीका खोज निक्कालते हैं। इन साइबर ठगों को रोकने के लिए अब तक के सारे प्रयास लगभग फ़ैल साबित हुए हैं। अब इन साइबर अपराधों और ठगों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर क्रिमिनलों से निपटने के लिए सरकार अगले पांच सालों में 5,000 ‘साइबर कमांडो’ को प्रशिक्षित करने वाली है।
उन्होंने यह घोषणा ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (I4C) के पहले स्थापना दिवस समारोह में अपने संबोधन के दौरान की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर क्राइम की कोई सीमा नहीं होती। इस खतरे से निपटने के लिए सभी को साथ आना होगा। साइबर सुरक्षा के बिना देश का विकास संभव नहीं है। साइबर क्षेत्र में अन्य प्रमुख पहलों के साथ यह ‘साइबर सिक्योर भारत’ के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा।
साइबर क्रिमिनलों से निपटने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और CBI जैसे केंद्रीय पुलिस संगठनों में से कुछ खास अफसरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें एक स्पेशल ब्रांच में डाला जाएगा। जहां से वो साइबर क्राइम को रोकने का काम करेंगे। इन सभी कर्मियों की ही साइबर कंमाडो कहा जाएगा। इन साइबर कमांडो के आने से बाद से देशभर में डिजिटल तौर पर हो रहे साइबर हमलों को रोकने में काफी मदद मिलेगी।
गृह मंत्री अमित शहा ने कहा कि मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप AI का उपयोग करके अपराधियों द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों की पहचान करें। इससे आपको साइबर अपराधों से लड़ने के नए तरीके खोजने में मदद मिलेगी। उन्होंने कुछ आंकड़े भी बताए। जिसके अनुसार 31 मार्च तक देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 95 करोड़ रही, जबकि 2014 में इसी अवधि के दौरान यह संख्या 25 करोड़ थी।
साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘I4C’ की और से शुरू किए जा रहे विशेष अभियान के दौरान राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर ‘1930’ को लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। जिससे साइबर ठगी के बारे में जल्द से जल्द विभाग तक जानकारी मिल सके।