रुद्रपुर: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के दावों की मानें तो स्वास्थ्य व्यवस्था एकदम चाक-चौबंद है। लेकिन, आए दिन स्वास्थ्य विभाग की बदहाली की खबरें जिस तरह से सामने आती रहती हैं, उससे एक बात तो साफ है कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ा किया जा रहा है। जिला अस्पताल के एक डॉक्टर पर नशे की हालत में गर्भवती महिला वकील का ऑपरेशन करने का आरोप लगा है।
आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते नवजात शिशु की मौत हो गई है। शिशु के शरीर में ब्लेड के कट के निशान पाए गए हैं। गुस्साए वकील के परिजनों ने जिला अस्पताल पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर सभी को शांत कराया और मामले की जांच की। उधर, डॉक्टर पर परिजनों के आरोप को लेकर की गई जांच में पता चला है कि उसने शराब नहीं पी थी।
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बस अड्डा कॉलोनी गदरपुर निवासी फईम की पत्नी नगमा जिला न्यायालय में अधिवक्ता हैं। नगमा के भाई अमीर के अनुसार, नगमा पिछले 9 महीने से गर्भवती थी और शनिवार सुबह उनके दर्द शुरू हुआ। सुबह करीब नौ बजे परिजन नगमा को जिला अस्पताल लेकर आ गए। जिला अस्पताल में नर्सों ने नगमा को भर्ती कर लिया और उस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा नॉर्मल होगा जबकि शाम सात बजे डॉक्टरों ने कहा कि नगमा का ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस पर परिजन राजी हो गए और डॉक्टरों ने नगमा का ऑपरेशन किया।
अमीर का कहना है की ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कुछ नहीं बताया और वह पैदा हुए नवजात को सीधे आईसीयू ले गए। आईसीयू से करीब पांच मिनट बाद निकल कर डॉक्टर ने बताया कि नवजात मृत पैदा हुआ है जबकि नगमा के परिजनों का कहना है कि बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ था। बच्चे के हाथ, आंख और गले में ब्लड के कट के निशान मिले हैं। इसके बाद रात करीब 10 बजे परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर नशे में था और उसकी लापरवाही के चलते नवजात की मौत हुई है। परिजनों ने मांग की कि डॉक्टर का मेडिकल परीक्षण कराया जाए।
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सूचना पर सिडकुल पुलिस ने पहुंचकर सभी को शांत कराया और मामले की जांच पड़ताल की। इसके बाद वहां पर सीओ पंतनगर तपेश चंद्र भी पहुंच गए। सीओ का कहना है कि वह मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं और जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
मीडिया को दिए सीएमओ डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी के बयान के अनुसार पेट में बच्चा मर गया था इस कारण गर्भवती का ऑपरेशन करना पड़ा। ऑपरेशन के दौरान गर्भवती को काफी ब्लीडिंग हो रही थी और उसे चार यूनिट खून चढ़ाया गया। गर्भवती महिला को एसटीएच हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया गया है। डॉक्टर ने शराब पीकर ऑपरेशन नहीं किया है।
जिला अस्पताल में नवजात शिशु की मौत के बाद मामले की जांच करने पहुंचे सीओ पंतनगर तपेश चंद्र ने बताया डॉक्टर का एल्कोमीटर से परीक्षण किया गया है। लेकिन, वह शराब के नशे में नहीं मिले हैं। उनका कहना है परिजनों से तहरीर मिलने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
सवाल यह है कि अगर डॉक्टर ने शराब नहीं भी पी रखी थी, फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि जिस बच्चे को नॉर्मल पैदा होने के दावे किए जा रहे थे, वो मरा हुआ कैसे पैदा हो गया। जबकि, डिलीवरी से पहले सभी तरह की जांचें कराई जाती हैं और इस केस में भी कराई गई थी।