उत्तरकाशी: जिले का सीमांत गांव पयांसारी आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए आंसू बहा रहा है। आज के दौर में सड़क सुविधा से वंचित इस गांव में विकास की बयार का अंदाजा भी इसी बात से साफ लगाया जा सकता है की सड़क को स्वीकृति मिलने के बाद भी आज तक काम शुरु नहीं हो पाया है। ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक ना निकले पैदल दूरी नापी पड़ती है।
कई सालों से सड़क के इंतजार की बाट जोह रहे ग्रामीणों का इंतजार अब आंदोलन की राह पर चल पड़ा है।आंदोलन के 9 वें दिन गांव की महिलाएं, बुजुर्गों ने गांव के समीप माता देवी मंदिर डेरा डालकर आंदोलन शुरू कर दिया है।
गांव की 5 किलोमीटर की सड़क को कांग्रेस सरकार में स्वीकृति मिल चुकी थी लेकिन 6 सालों बाद भी सड़क का निर्माण कार्य तो दूर बल्कि शासन को डीपीआर तक नहीं भेजी गई है। ऐसे में सड़क के न होने से आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कोसों पीछे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जब कांग्रेस सरकार में सड़क को स्वीकृति मिल गई थी तो वर्तमान की भाजपा सरकार इस पर काम क्यों नहीं करवा रही ताकि ग्रामीण भी सड़क सुविधा का लाभ उठा सकें और गांव में विकास का पहिया और भी तेज रफ्तार से घूम सके। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो पूरे गांव के ग्रामीण बड़े आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ग्रामीण बुद्धि सिंह का कहना है कि लंबे समय से सड़क का इंतजार हो रहा है। कई बार आश्वासन भी मिले, लेकिन सड़क का काम शुरू नहीं हो पाया जिससे ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोनी देवी का कहना है कि दिमाग होने की स्थिति में लोगों को दंडी कंडी से सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसे में कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण लोगों की जान तक चली जाती है।