देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने जानकारी दी है कि इस आपदा में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 70 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। हर्षिल में सेना के 9 जवान लापता बताए जा रहे हैं, जबकि सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं
आपदा के कारण राहत और बचाव कार्यों में कई तरह की मुश्किलें आ रही हैं। भटवाड़ी में उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पूरी तरह से बह गया है। इसके अलावा, गंगोत्री हाईवे भी बाधित है, जिससे रेस्क्यू टीमें घटनास्थल तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही हैं। कई जगहों पर सड़क जाम होने और पुल के क्षतिग्रस्त होने से भी आवाजाही बहुत धीमी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है और कहा है कि सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर बचाव कार्य में लगे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून में आपदा संचालन स्टेशन 24 घंटे काम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, जिन्होंने आज भी बचाव अभियान का विवरण लिया।
ताज़ा अपडेट
- बचाव कार्य: आईटीबीपी और आर्मी के जवान धराली गांव में फंसे लगभग 200 लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। वे करीब 25 फीट ऊंचे मलबे पर रास्ता बना रहे हैं और एक अस्थाई पुलिया बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं।
- सेना के हेलीकॉप्टर तैयार: सीएम धामी ने बताया कि भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर (चिनूक और एमआई-17) पूरी तरह से तैयार हैं और मौसम ठीक होते ही हवाई बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- एक और शव बरामद: धराली में बचाव कार्य के दौरान 32 वर्षीय एक युवक का शव बरामद हुआ है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ गई है।
- मोबाइल नेटवर्क ठप: धराली में अभी मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, जिससे संपर्क स्थापित करने में दिक्कतें आ रही हैं।
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अन्य तैयारियां: खाने के पैकेट, डॉक्टरों की टीम और बिजली बहाल करने का काम भी चल रहा है।