बड़कोट: चुनाव नजदीक आते ही राज्य में पूर्व घोषित चार जिलों की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। सरकार के पास मौजूदा विधानसभा सत्र में जिलों के फैसले पर मुहर लगाने का मौका था, लेकिन सरकार के एजेंडे में जिलों का निर्माण शामिल नहीं है।
इससे आक्रोशित जनपद निर्माण संघर्ष समिति ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। उत्तरकाशी जिले का बड़कोट में लोगों में मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। 4 जिलों में यमुनोत्री जिला भी शामिल है लेकिन घोषणा और अधिसूचना होने के बाद भी जिलों का गठन नहीं किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने एसडीम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। जिला निर्माण संघर्ष समिति के लोगों के साथ ही बड़कोट व्यापार मंडल समेत स्थानीय लोग मंदिर में जमा हुए जहां से मशाल जुलूस निकाला गया।
मशाल जुलूस शिव मंदिर से लेकर बड़कोट नगर के प्रमुख मार्गो में निकाला गया। 2011 में उत्तरकाशी से यमुनोत्री, गढ़वाल से कोटद्वार, अल्मोड़ा से रानीखेत और पिथौरागढ़ से डीडीहाट को अलग जिला बनाने की घोषणा की थी। 10 साल बाद भी घोषित जिले अस्तित्व में नही आ पाये हैं।
जिले की मांग को लेकर रवांई घाटी के लोगों ने आंदोलन तेज कर दिया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस विधानसभा सत्र में यदि सरकार ने पूर्व में घोषित पृथक यमुनोत्री जिले को अस्तित्व में लाने के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो लोगों को आगे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसका खामियाजा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
मशाल जुलूस में संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अब्बल चन्द कुमांई, रामानंद डबराल, महिपाल सिंह असवाल, विशाल मणी रतूड़ी, नरोत्तम रतूड़ी, जयेन्द्र असवाल, सुभाष उनियाल, किशन सिंह, गुलाब सिंह, सरदार दास, बलबीर सिंह, किताब सिंह, शूरवीर सिंह, जयेन्द्र रावत, सुरेंद्र रावत, धनवीर सिंह रावत, हरदेव रावत, भरत सिंह चौहान, चंडी प्रसाद बिजल्वाण, बाल गोविंद डोभाल, हंसपाल विष्ट, जबर सिंह रावत, विजेंद्र सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह, मथुरा प्रसाद डिमरी, किताब, देवेंद्र सिंह, प्रेम सिंह नेगी, सुनील थपलियाल, रमन प्रसाद उनियाल, किताब सिंह रावत, मनोज अग्रवाल ,मोहन दास, दिनेश दास, भाग दास सहित सैकड़ो लोग शामिल रहे।