उत्तरकाशी : द्रौपदी का डंडा-2 में हुए एवलांच हादसे में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के ट्रेनी और ट्रेनर पर्वतारोहियों के दल के 29 लोग लापता हो गए थे। इस हादसे में लापता 29 लोगों में से 26 लोगों के शव बरामद हो गए हैं। जबकि 3 की तलाश जारी है। शवों को जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। इस भीषण हादसे से उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरा देश स्तब्ध है।
इस हादसे ने उत्तराखंड और देश से चुनिंदा और बेहतरीन पर्वतारोहियों को छीन लाया। इसी हादसे में उत्तरकाशी की बेटी सविता कंसवाल भी हम सब को छोड़ कर चली गई। सविता कंसवाल ने इसी साल एवरेस्ट पर फतेह हासिल की थी और उसके बाद लामू पर्वत की चोटी को भी अपने हौसले और जज्बे से छुआ छुआ था।
सविता भी नीम की ट्रेनर थीं। पर्वतारोहियों के दल को प्रशिक्षण देने के लिए वह भी द्रौपदी का डंडा-2 बेस कैंप में मौजूद थीं। जब यह मनहूस हादसा हुआ। सविता के साथ ही अन्य लोग भी इसकी चपेट में आकर बर्फ की सफेद चादर में दफन हो गए।
सविता और अन्य पर्वतारोहियों की दुखद हादसे में मौत पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे ने उत्तराखंड राज्य ही नहीं, बल्कि देश से होनहार पर्वतारोहियों को छीन लिया।
दीपक बिजल्वाण ने कहा कि जिला पंचायत उत्तरकाशी उनको श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उन्होंने कहा कि सविता कंसवाल की स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप रैथल स्थित जिला पंचायत के गेस्ट हाउस का नाम उनके नाम पर करने जा रही है। यह गेस्ट हाउस उनके नाम से जाना जाएगा।