मोरी: इन दिनों भारी बारिश के कारण जगह-जगह पहाड़ी से मलबा आ रहा है। इससे पैदल चलने वालों के साथ ही वाहनों को भी खतरा हो रहा है। कुछ ऐसी घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, जिनमें लोगों को अपनी जान तक गवांनी पड़ी है। लगातार भूस्खलन से तो खतरा है ही। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कें भी दुर्घटना और खतरे का कारण बनी हैं।
पिछले दिनों नैनीताल में पर्यटक कार पर बोल्डर आया और उनकी मौत हो गई। ऐसा ही मामला श्रीनगर मार्ग तोताघाटी के पास हुई। उस घटना में उत्तराखंड के युवा और होनहार असिस्टेंट प्रोफेसर की मौत हो गई थी। ऐसी घटना जखोल मार्ग पर भी घट सकती थी। गनीमत रही कि बस चालक की सूजबूझ से 20 लोगों की जान बच गई।
उत्तरकाशी के जखोल से देहरादून जा रही उतराखंड परिवहन निगम की बस जखोल गांव के पास दुर्घटना होने से बाल-बाल बच गई। चालक की सूझबूझ के चलते बस दुर्घटना होने से बच गई और सवार सभी 20 सवारियां सुरक्षित बस से बाहर निकल पाई। सोमवार सुबह रोडवेज बस जखोल से देहरादून की ओर आ रही थी। बस जखोल से कुछ दूर स्थित पांव गांव तक पहुंचने वाली थी कि इसी दौरान से पहाड़ी से भूस्खलन हो गया और बस से जा टकराया। जिससे बस गहरी खाई की ओर खिसकने लगी।
चालक ने सूझबूझ दिखाई खतरे को भांपकर बस को आगे बढ़ा ऊपर चटान की तरफ मोड़ दिया। घटना इस कदर भयावह थी कि कुछ देर सवारियों की सांसें थम गई। बस में सवार गंगा सिंह रावत ने बताया कि पंचगांई पट्टी के सांकरी-जखोल क्षेत्र में गत तीन दिन से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन होने से मोटर मार्ग पर कई जगह मलबा आने व दिवारें गिरने का खतरा बना है।
सोमवार सुबह सांकरी व जखोल के बीच उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में फिताडी लिवाडी,जखोल,धारा की लगभग 20 सवारी बैठी थी, यदि बस दुर्घटनाग्रस्त हो जाती तो सभी की जान चली गई थी। चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।ग्रामीणों नें किसी तरह धक्का देकर बस मलबे से बहार निकाली। ग्रामीणों नें लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से मोरी-सा़करी-जखोल मोटर मार्ग पर क्षतिग्रस्त दिवारों व जगह-जगह आ रहे मलबा हटानें को मौके पर जेसीबी भेजने की मांग की।