बड़कोट: नौगांव ब्लॉक के करनाली गांव को जोड़ने वाली सड़क के लिए पांच साल बाद फिर से सर्वे हुआ है। गांव को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण हुआ था, जिसमें एक किलोमीटर का सर्वे नहीं होने कारण काम रोक दिया गया था। समाजिक कार्यकर्ता और राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्य सुरेंद्र रावत ने लगातार इस सड़क के लिए प्रयास किए। पहाड़ समचार (https://pahadsamachar.com/) ने भी लगातार मामले को उठाया, जिसके बाद आज फिर से सड़क का सर्वे हो पाया है।
वन विभाग, राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग ने संयुक्त सर्वे किया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि बरसात के बाद सड़क के लिए बजट मिलने के साथ काम भी शुरू हो जाएगा। हालांकि विभाग की जो रफ्तार है, उसको देखते हुए यह कह पाना मुश्किल है कि काम कितनी जल्द शुरू हो पाएगा। सर्वे में लोक निर्माण विभाग के जेई सन्दीप वर्मा, फोरेस्टर सरदार सिंह रावत, अमीन सुरेंद्र दत्त बडोनी, समेत स्थानीय ग्रामीण किशन सिंह रावत, गुरुदेव सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह रावत और रमित पहाड़ी मौजूद रहे।
दरअसल, जिला योजना के तहत बिगराड़ी-करनाली रोड की मंजूरी 2014-15 की में हुई थी। मात्र दो किलोमीटर की सड़क के लिए 2016 में बजट मिला। एक किलोमीटर तक सड़क बनने के बाद काम रोक दिया गया। तब से लेकर आज तक आगे के एक किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए बजट ही नहीं मिला। सरकार भले ही हर गांव को सड़क से जोड़ने के दावे करती हो, लेकिन सरकार के दावों की हकीकत यह है कि पिछले पांच साल में एक किलोमीटर सड़क तक नहीं बन पाई।
इतना ही नहीं अधिकांश लोगों को सड़क कटान के बदले मिलने वाला प्रतिकर भी मिल चुका है। सड़क के अधूरी काम से लोगों का पैदल रास्ता भी पूरी तरह बंद हो गया। ग्रामीणों ने किसी तरह रास्ता बनाया है। करनाली गांव से बच्चों को प्राथमिक विद्यालय तक आने के लिए तीन किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है।