Thursday , 21 November 2024
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उत्तरकाशी टनल हादसा : कंपनी की लापरवाही से हादसा, फूटा मजदूरों का गुस्सा, कब तक कैद में रहेंगी 40 जिंदगियां

उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टपल में हुए भू-स्खलन मामले में निर्माण करा रही नवयुगा कंपनी ही इस पूरी घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। पिछले चार दिनों से कैदियों की तरह बदतर जिंदगी जीने को मजबूर मजदूरों को बाहर निकालने का हर प्रयास फिलहाल पूरी तरह से फेल साबित हुआ है।

मजदूरों को टनल के भीतर कैद में चार दिन होने का हैं। ऐसे में अब उनके साथी मजदूरों और टनल में फंसे 40 मजदूरों के परिजनों को गुस्सा फूटने लगा है। मजदूरों के परिजनों ने टनल के बाहर पहुंचकर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

वहां काम कर रहे पांच मजदूरों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई थी। उसमें ददो मशीन ऑपरेटर भी शामिल हैं। उनका कहना है कि जब वो वहां काम कर रहे थे, तभी भू-स्खलन होने लगा। उन्होंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। जिस संवेदनशील हिस्से में भूस्खलन हुअ, वहां उपचार के लिए गार्टर रिब की जगह सरियों का रिब बनाकर लगाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूरे हादसे के लिए निर्माण करा रही कंपनी जिम्मेदार है। सिलक्यारा टनल के एंट्रेंस से 200 मीटर अंदर, जहां भूस्खलन हुआ है, वह हिस्सा संवेदनशील है। बताया जा रहा है कि जहां गार्टर रिब लगाया जाना था। वहां, 32 एमएम की सरियों से बना रिब लगाया गया था,।जो मलबे का दबाव नहीं झेल पाया। जानकारों की मानें तो कंपनी ने संवेदनशील जगह पर गार्टर रिब लगाया गया होता तो संभव है कि यह हादसा नहीं होता।

मलबे में एक शॉटक्रिट मशीन व एक बूमर मशीन दबने की सूचना मिली है। एक मशीन ऑपरेटर ने बताया कि यहां उस दौरान ट्रीटमेंट का काम चल रहा था। जब हल्का मलबा गिरा तो इन मशीनों में कार्यरत कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई। सवाल यह है कि टनल के भीतर कैद में फंसे 40 मजदूरों को आखिर कब बचाया जाएगा। कब उनको बाहर निकाला जाएगा।

अब तक सभी सुरक्षित हैं, लेकिन भीतर के हालात ठीक नहीं है, ऐसे में उनकी तबीयत कब तक ठीक बनी रहेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। कल सूचना भी आई थी कि दो मजदूरों की तबीयत भी बिगड़ी थी। यही चिंता मजदूरों के परिजनों को भी सता रही है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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