Tuesday , 3 December 2024
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उत्तराखंड: त्रिवेंद्र के बयान पर बोले हरक सिंह रावत, सूर्यधार याद है ना…मैं बोलूंगा तो?

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देहरादून: हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी के बाद प्रदेश में सियासत भी गर्मा गई है। विजिलेंस जांच की बात जैसे ही सुर्खियों में आई पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मौके पर चौका मार कर हरक सिंह रावत को आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने कहा की हरक सिंह रावत ने क्या-क्या भ्रष्टाचार किया है? इसका पता विजिलेंस लगाएगी। उन्होंने का कि मामले की गंभीरता से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

त्रिवेंद्र रावत के बयान के बाद हरक सिंह रावत ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कड़ा पलट वार किया है। हरक सिंह रावत का कहना है की त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहले अपने बारे में सोचना चाहिए। हरक ने कहा कि अगर मुझे त्रिवेंद्र पर आरोप लगाने हों तो सूर्यधार झील से लेकर उनके चहेतों के बैंक खातों में किसका पैसा है? कहां से आया? से लेकर तमाम मसाले सामने आ खड़े होंगे। लेकिन, यह सब केवल ओछी राजनीति होगी। उन्होंने यह भी कहा की त्रिवेंद्र के पास सम्पति कहां से आई। ना नौकरी ना बिजनस? वो यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा की उनकी पत्नी प्राथमिक विद्यलय की शिक्षिका हैं, देहरादून में इतना सबकुछ?

 

उन्होंने कहा कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत मुझ पर आज भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं तो वह सीधे तौर पर सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं। यह दवा हरक सिंह रावत ने इसलिए किया क्योंकि जिस वक्त के मामलों की जांच हो रही है, तब वह त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।

हरक ने सवाल किया कि अगर त्रिवेंद्र की सरकार में मंत्री रहते हुए मैंने भ्रष्टाचार किया तो फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत क्या कर रहे थे? इसका मतलब सीधेतौर पर यह हुआ कि भाजपा की सरकार भ्रष्टाचारी सरकार थी। कुल मिलाकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार किया है।

हरक सिंह रावत ने यह बात भी स्वीकार की है कि उनके कॉलेज में जो जनरेटर है, वह उन्होंने अपने खर्चे से नहीं लगाया है। उनका दावा है कि कोरोना कल में उनके मेडिकल कॉलेज को कोविड केंद्र बनाया गया था। तब वहां वह जनरेटर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनको यह लगा कि यह जनरेटर चैरिटी के रूप में अस्पताल को दिया गया है।

लेकिन, अब उसको लेकर विजिलेंस जांच की जा रही है। जबकि उसका कोई लेना-देना इस मामले से नहीं है। हरक सिंह रावत का कहना है कि एक चिट्ठी लिख दी जाती कि जनरेटर वापस लौटा दिया जाए, तो वह उसको तत्काल वापस लौटा देते। लेकिन, सरकार ने ऐसा ना करके राजनीतिक बदले की भावना से यह कार्रवाई की है।

राजनीति के माहिर खिलाड़ी हरक सिंह रावत ने बातों ही बातों में यह कह दिया कि उन्होंने 67 लख रुपये की लागत से अपने कॉलेज के खर्चे से कोरोना कल के दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत कई जगहों पर अस्पतालों के लिए उपकरण दिए थे। पुलिस और अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर दिए। सवाल करते हुए उन्होंने कहा की क्या मैंने भी वह सब वापस मांग लिए हैं। अब देखना होगा कि हरक सिंह रावत और त्रिवेंद्र के बीच छिड़ी जुबानी जंग क्या रूप लेती है और क्या रंग लाती है।

वहीं, हरक सिंह रावत को इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी समर्थन मिला है। हरीश रावत ने कहा कि सरकार की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और केवल बदले की भावना से की जा रही है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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