नैनीताल : कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने उत्तराखंड आए देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तबीयत कार्यक्रम के बाद अचानक बिगड़ गई। भावनाओं के उफान के बीच मंच से नीचे उतरते हुए वह बेहोश होकर गिर पड़े। तत्काल मौके पर मौजूद चिकित्सकों की टीम ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया, जिसके बाद वे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह के साथ राजभवन रवाना हुए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ बुधवार को तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे के तहत हल्द्वानी आर्मी हैलीपैड पहुंचे थे, जहां राज्यपाल ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, सांसद अजय भट्ट, हल्द्वानी मेयर गजराज बिष्ट, वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष दीपक महरा, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, डीएम वंदना, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा सहित कई अधिकारियों ने उपराष्ट्रपति का अभिवादन किया।
इसके बाद वह नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने 45 मिनट के प्रेरक भाषण में उन्होंने 1989 में संसद में अपने सहयोगी रहे डॉ. महेंद्र सिंह पाल को कई बार याद किया। कार्यक्रम के बाद जब वह मंच से नीचे उतरे, तो सीधे डॉ. पाल के पास पहुंचे और उन्हें गले लगा लिया। दोनों के बीच पुरानी यादों का भावुक संवाद चला और डॉ. पाल की आंखों से आंसू बहने लगे। यह दृश्य देखकर खुद उपराष्ट्रपति भी भावुक होकर रोने लगे।
इसी भावनात्मक क्षण के दौरान उपराष्ट्रपति की तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह डॉ. पाल को गले लगाए ही नीचे गिर पड़े। समारोह स्थल पर मौजूद डॉक्टरों की टीम ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उपचार शुरू किया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और उन्हें नैनीताल स्थित राजभवन में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।