Friday , 25 April 2025
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विधानसभा सत्र: शिक्षा व्यवस्था पर हुई चर्चा, कांग्रेस उठाए कई सवाल, मंत्री ने दिया जवाब

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में नियम 58 के तहत राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जोरदार चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा की खामियों को उजागर करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भारी कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शिक्षकों को पहाड़ों में भेजना सरकार के लिए अब भी एक चुनौती बना हुआ है।

सरकार की नीयत पर सवाल

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई स्कूलों के भवन तक नहीं हैं। सरकार शिक्षा बजट के रूप में 8,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा अच्छी शिक्षा पाए, लेकिन सरकारी तंत्र इसमें विफल साबित हो रहा है।

नैतिक शिक्षा को अनिवार्य करने की मांग

कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने विद्यालयों में नैतिक शिक्षा अनिवार्य करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा समाज में चरित्र निर्माण कमजोर होगा। इस मांग का समर्थन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने भी शिक्षा मंत्री से पहली से बारहवीं कक्षा तक नैतिक शिक्षा शुरू करने की अपील की।

शिक्षकों की कमी और जर्जर स्कूलों का मुद्दा

उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने खटीमा में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने मिड-डे मील की राशि बढ़ाने की भी मांग की। कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने कहा कि विधायक बनने के तीन साल बाद भी वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करा सके हैं। धारचूला विधायक हरीश धामी ने सीमांत क्षेत्रों में विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पहाड़ों में काम करने के लिए प्रेरित करने की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है, जिससे इन क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था चौपट होती जा रही है।

शिक्षा मंत्री का जवाब

विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में 20,823 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 18,714 शिक्षक कार्यरत हैं। 2,900 शिक्षकों की काउंसलिंग चल रही है और 1,900 शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया है। धारचूला के लिए 150 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिनमें से 98 ने ज्वाइन कर लिया है।

किताबें मुफ्त

मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य में किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा। सरकार कक्षा 12 तक की किताबें मुफ्त उपलब्ध करा रही है, साथ ही 9वीं की छात्राओं को मुफ्त साइकिल और 10 लाख बच्चों को मुफ्त कॉपियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में 100% शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी और आधारभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।

शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी

शिक्षकों की नियुक्ति पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि एलटी के 1,544 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 613 लेक्चरर की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर शिक्षक को पांच साल तक पहाड़ में सेवा देना अनिवार्य होगा और किसी भी विधायक को शिक्षकों के स्थानांतरण की सिफारिश नहीं करनी चाहिए। सरकार ने आश्वासन दिया कि 17,000 स्कूलों में से जिन 10,000 स्कूलों की रजिस्ट्रियां नहीं हैं, उन पर तेजी से काम किया जा रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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