देहरादून: गृह मंत्री अमित शाह की बहस की चुनौती को पूर्व सीएम हरीश रावत ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि वो अमित शाह से बहस के लिए तैसार हैं। जहां उनको बुलाएंगे, वहां अकेले ही उनसे बहस करने के लिए चले जाएंगे। साथ ही यह भी कहा कि अमित शाह पर वही भारी पड़ेंगे। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि अमित शाह की चाहत, हरीश रावत।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश की महिलाएं अपने घर में तमाम कामों के साथ ही खेत में काम करती हैं। लेकिन, महिलाओं के कामों के आधार पर उनका संबोधन नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लिहाजा घसियारी योजना नाम रखना महिलाओं का अपमान है। हरीश रावत ने कांग्रेस समेत अन्य दलों और बुद्धिजीवियों से अनुरोध किया कि वह भी आगे आकर इसकी निंदा करें। जुम्मे की नमाज पर हरीश रावत ने कहा कि अगर उन्होंने जुम्मे की छुट्टी की है, तो राज्य और केंद्र सरकार कोई एक नोटिफिकेशन ढूंढ के दिखा दंे।
हरीश रावत ने कहा कि उनके शासनकाल में बिकी डेनिस शराब अगर जहर थी, तो अभी वर्तमान समय में बिक रही डेनिस शराब सही कैसे हो गयी है। डेनिस शराब से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन भाजपा शासनकाल के दौरान नकली शराब से तमाम लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि डेनिस शराब आज भी सरकारी स्टोरों में बिक रही है।
हरदा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री उत्तराखंड में सिर्फ झूठ बोलने आए थे, इससे ज्यादा कुछ नहीं। लिहाजा अमित शाह का भाषण भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही उत्तराखंड की जनता को भी निराश करके गया। उन्होंने कहा कि आपदा में राज्य सरकार द्वारा बिना कुछ किए ही अमित शाह ने बीते दिन मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाई थी।
दु:खद, गुस्सा बढ़ाने वाला, अपमानित करने वाला संबोधन। अमित शाह ने हमारी माँ-बहनों की पहचान घसियारी बनाने के धन सिंह रावत के दुष्प्रयास पर अपनी मोहर लगा दी। अमित शाह इससे ज्यादा कष्ट आप उत्तराखंड के लोगों को और कुछ नहीं पहुंचा सकते थे, जो आपने इस घसियारी संबोधन पर भारत सरकार की मुहर लगा दी। अब दुनिया जियारानी, तीलू रौतेली, बछेंद्री पाल और हमारी महिलाओं के अद्भुत साहस के इतिहास को नहीं बल्कि घसियारी शब्द के साथ जुड़े हुये इतिहास को खोजेंगे, बहुत पीड़ा पहुंच रही है।