देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना के मामले बहुत तेजी से कम होने लगे हैं। मौत के मामले भी बहुत कम आ रहे हैं। लेकिन, इन सब के बीच जो बड़ी बात है, वह यह है कि उत्तराखंड में बैकलॉग मौतों का आंकड़ा बहुत अधिक है। सवाल यह है कि आखिर मौत के आंकड़ों को क्यों छुपाया गया ? डेथ ऑडिट के दावे किए गए, लेकिन सरकार के दावों की पोल हर दिन जुड़ते बैकलॉग के आंकड़ों ने खोल दी।
कुंभ के दौरान कोविड जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के साथ ही एक और खुलासा यह हुआ कि सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों की मौतों का आंकड़ा भी हरिद्वार में ही छुपाया गया।सबसे जयादा बैकलॉग मौतें हरिद्वार जिले में ही हुई। जिले के 21 अस्पतालों की ओर से 393 मरीजों की मौत की सूचना कई दिनों के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग को दी गई। सरकार ने दावा किया था कि लापरवाह अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, लेकिन अब तक कोइ एक्शन नहीं लिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के आधार पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (SDC) ने जिलावार कोविड बैकलॉग मौतों की रिपोर्ट जारी की है। हरिद्वार जिले के 21 अस्पतालों ने 393 कोरोना मरीजों की मौत की सूचना समय पर नहीं दी। कुल बैकलॉग की मौतों में से 70 फीसदी हरिद्वार समेत देहरादून, ऊधमसिंह नगर जिले से हैं। देहरादून जिले में 19 अस्पतालों में 320, ऊधमसिंह नगर जिले में 17 अस्पतालों में 142 मौतें बैकलॉग की हैं।
SDC के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर कोविड बैकलॉग मौतों का विश्लेषण करने पर जिला वार अस्पतालों और मौतों की रिपोर्ट जारी की गई है। कोरोना की पहली लहर में 17 अक्तूबर 2020 को पहली बार 89 बैकलॉग मौतें सामने आई थीं। इसके बाद मई 2021 में 647 और जून में 474 कोविड बैकलॉग मौतों का खुलासा हुआ है। पंजाब के बाद कोविड मृत्यु दर में उत्तराखंड देश में दूसरे नंबर पर है।
हरिद्वार जिले के 21 अस्पतालों में 393 मौतें हुई, देहरादून के 19 अस्पत्लों में 320 बैकलॉग मौतें, यूएसनगर के 17 अस्पत्लों में 142, पिथौरागढ़ 2 अस्पत्लों में 76, नैनीताल 9 अस्पत्लों में 67, अल्मोड़ा 4 अस्पत्लों में 57 बैकलॉग मौतें हुई। इनके अलावा टिहरी 4 अस्पत्लों में 42, पौड़ी 3 अस्पत्लों में 42, रुदप्रयाग 2 अस्पत्लों में 26, चंपावत 4 अस्पत्लों में 17, उत्तरकाशी 1 अस्पत्लों में 13, बागेश्वर 1 अस्पत्लों में 12 और चमोली जिले के 3 अस्पत्लों में 3 बक्लोग मौतों का आंकड़ा बबाद में जोड़ा गया। कुमिलाकर राज्य के 90 अस्पतालों में 1210 मौतों का आंकड़ा बाद में जोड़ा गया।