देहरादून: ट्विटर इंडिया ने हरीश रावत का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक कर दिया है। पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिखकर खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी छीनी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों के लिए न्याया की गुहार लगाना गुनाह है, तो वो ऐसा गुनाह बार-बार करेंगे।
उन्होंने लिखा है कि लोकतंत्र में मुझे चुप कराने की कोशिश की जा रही है। मैंने एक मुहिम के तहत मैं-भी-राहुल हूं को लेकर एक दलित परिवार का जिक्र करते हुये एक ट्वीट किया था, ट्विटर इंडिया ने मेरा अकाउंट…. ब्लॉक कर दिया है। इस शर्त के साथ कि आप मैं-भी-राहुल वाले ट्वीट को डिलीट कीजिये और अपना अकाउंट चालू करिये।
राहुल गांधी एक दलित पीड़ित परिवार से मिलने गये, उनके दुरूख को बांटने गये जो सत्ता पक्ष के लोगों भाया नहीं। क्योंकि लाखों लोगों ने राहुल जी द्वारा परिवार का जिक्र करते हुये ट्विटर में एक रुज्ूममज किया, उस ट्वीआवाज देश की रुजनता ने अपना रोष व्यक्त किया, अपनी आवाज उठाई, कुछ लोगों ने ऑनलाइन उठाई, कुछ लोगों ने ऑफलाइन उठाई जो लोकतंत्र में सबका अधिकार है।
अभी 3 दिन बाद 15 अगस्त को भारत का रुस्वतंत्रता-दिवस आ रहा है, यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश-शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। लेकिन, यहां हमारा अधिकार छीना जा रहा है, अभिव्यक्ति की आजादी क्यों छीनी जा रही है? पत्रकार-बंधुओं को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वो हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, इस बात को प्रमुखता से उठाएं।
क्या लोकतंत्र में किसी पीड़ित से मिलना, उसकी आवाज बन्ना पाप है? ट्विटर इंडिया और भारत का संविधान लोकतंत्र में क्या इतना कमजोर हो गया है कि अभिव्यक्ति की आजादी/स्वतंत्रता, उसका अधिकार छीन लिया जा रहा है? क्या रुभाजपा, राहुल जी के ट्रेंड होते हुए ट्वीट से इतना डर गई है?