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बेरोजगारों के हक पर सरकार की ‘कुंडली.
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उत्तराखंड में बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं.
देहरादून : उत्तराखंड में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है। देश की बेरोजगारी दर भी पिछले 40 सालों के न्यूनतम लेवल तक लुड़की और अब भी लुड़क ही रही है। बावजूद सरकार रोजगार को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर और संवेदनशील नजर नहीं आती। बेरोजगारों की बात करें तो उत्तराखंड में बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं। बेरोजगार सरकार से भर्तियां निकालने की मांग करते रहते हैं। लेकिन, सरकार भर्तियां निकालने को राजी नहीं है।
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इतना ही नहीं जिन पदों पर वैकेंसी ने कली भीं। वह भर्तियां या तो घपले और घोटालों की बलि चढ़ गई या फिर गड़बड़ी के कारण अधर में लटक गईं। बेरोजगारी का आलम यह है पिछले दिनों ही वन दरोगा भर्ती पूरी नहीं के काराण एक युवा ने आत्महत्या कर ली। सरकार इस घटना के बाद भी जागती नजर नहीं आ रही है। सरकार कई सरकारी पदों के खाली होने के बाद भी भरना नहीं चाहती है। यह खुलासा RTI में हुआ है। आरटीआई में हुए खुलासे ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी।
उत्तराखंड में पलायन सबसे बड़ी समस्या है और इस सबसे बड़ी समस्या का कारण है रोजगार के अवसरों के लिए युवाओं का दूसरे शहरों में जाना। यह आंकड़े सरकार के सर्वे के बाद सामने आए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में जिस पलायन को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है। पलायन आयोग बनाया गया।
यहां तो सिस्टम को ही सांप डस चुका है…
उस सबसे बड़े कारण का समाधान करने के बजाय सरकार उस पर चुप्पी साधे हुए है। पलायन के सबसे बड़े कारण को खत्म करने के लिए सरकार कदम उठाने के बजाय हवाई दावे और कोरी घोषणाएं कर रही है।
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राज्य के कई सरकारी विभागों में हज़ारों पद खाली पड़े हैं। इनको भरने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से मांग भी की गई है। आयोग के पास करीब 7000 पदों के ऐसे अधियाचन फ़ाइलों में बंद हैं। इस से पता चलता है कि सरकार सरकारी नौकरियों को लेकर कितनी गंभीर है। यह बड़ा खुलासा RTI में हुआ है
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NEWS 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार RTI एक्टिविस्ट रामेश्वर कंडवाल ने उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में RTI में सूचना मांगी थी। जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पास करीब 7 हज़ार भर्ती के अधियाचन पड़े हैं। इनमें LT के लगभग 1500 पदों के साथ ही ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 225 और 380 पद खाली हैं।
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राज्यभर में पटवारी के 450 पद खाली पड़े हैं। 10वीं, 12वीं और स्नातक के हज़ारों पद खाली हैं। राज्य में हजारों पद खाली पड़े हैं। लाखों की संख्या में युवा बेरोजगारों की फौज खड़ी है। कई युवा बेरोजगार बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी इन सरकारी नौकरियों के निकलने के इंतजार में ओवरएज हो रहे हैं। कई युवा ऐसे भी हैं जो ओवरएज होने के कारण अब इन नौकरियों के काबिल नहीं रहे हैं। मजबूरन उन्हें दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा है।
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-प्रदीप रावत (रवांल्टा)