देहरादून : आचार संहिता लगने से चंद घंटे पहले ही उत्तराखंड सरकार ने पुलिसकर्मियों को 2-2 लाख रुपये देने का आदेश जारी किया है। भले ही सरकार इसे सौगात मान रही हो लेकिन पुलिस कर्मी सरकार के फैसले से नाराज हैं और पुलिसकर्मियों ने अपनी नाराजगी खबर उत्तराखंड को जाहिर की है।
पुलिसकर्मियों का साफ तौर पर कहना है कि सरकार ने उन्हें झुनझुना पकड़ाया है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि वो ग्रेड पे का इंतजार कर रहे थे लेकिन उन्हें ग्रेड पे का तोहफा ना देकर सरकार ने 2 लाख रुपये देने का आदेश जारी किया है। सीएम की घोषणा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीएम धामी की घोषणा पर उठ रहे सवालपुलिसकर्मियों ने खबर उत्तराखंड को दिए बयान में कहा कि पुलिस हर वक्त हर जगह तैनात रहती है। फिर चाहे कोरोना काल हो या चुनावी रैलियां या कोई वीआईपी ड्यूटी। दिन रात, ठंड गर्म न देखते हुए वो ईमानादारी से नौकरी करते हैं लेकिन सरकार ने उनके साथ खिलवाड़ किया और ग्रेड पे ने देकर 2 लाख रुपये दिए। असल में उनको 4600 ग्रेड पे की सौगात मिलनी चाहिए थी।
सरकार के इस फैसले से सीएम धामी की घोषणा पर भी सवाल उठने लगे हैं।पत्र हो रहा वायरलपुलिसकर्मियों द्वारा सीएम का वो पत्र वायरल किया जा रहा है जो की सीएम बनने से पहले विधायक के तौर पर पुष्कर धामी ने सरकार को पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने का अनुरोध किया था। पुलिसकर्मियों का कहना है कि विधायक रहते पुष्कर धामी ने सरकार से उनको ग्रेड पे देने का अनुरोध किया लेकिन जब पावर खुद के हाथ में है तो उन्हें ग्रेड पे ना देकर 2 लाख रुपये दिए।
चुनाव आचार संहिता से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणा की है, वो भी 2001 बैच के पुलिसकर्मियों के लिए। इस घोषणा को राज्यपाल स्वीकृति प्रत्येक आरक्षियों को 2 लाख एकमुश्त दी जाएगी। आपको बता दें कि 2001 बैच के करीबन 1500 पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें 2-2 लाख रुपये देने का आदेश जारी किया गया है।