हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रविवार को निरंजनी अखाड़ा, हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी और अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहन्त हरिगिरि, जगतगुरू राजराजेश्वराश्रम, निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानन्द गिरि, आनन्द पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर बालकानन्द गिरि, जूना अखाड़ा के सभापति प्रेम गिरिजी, आह्वान आखाड़े के श्रीमहन्त सत्य गिरि, नया अखाड़ा उदासीन के श्रीमहंन्त भगतराम जी, श्रीमहन्त नारायण गिरि, महामण्डलेश्वर ललितानन्द गिरिजी महाराज ने आयोजित समारोह में शॉल ओढ़ाकर, प्रतीक चिह्न व गंगाजलि भेंटकर अभिनन्दन व स्वागत किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समारोह को सम्बोधित करते हुये जूना अखाड़ा दुःख हरण मन्दिर, जूना अखाड़ा घाट में सौन्दर्यीकरण और यहां की धार्मिक मान्यताओं की स्थापना हेतु एक त्रिशूल लगाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने समारोह में देवस्थानम बोर्ड का जिक्र करते हुये कहा कि विभिन्न सन्तों, हक-हकूक धारियों तथा धार्मिक संगठनों द्वारा देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने या इसमें बदलाव लाने की मांग की जा रही थी, जिसके लिये मनोहर कान्त ध्यानी के नेतृत्व में कमेटी गठित की गयी थी तथा मंत्रिमण्डल की उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से जो भी फैसला करेंगे सबकी भावनाओं के अनुसार करेंगे। उन्होंने कहा कि पूज्य सन्तों की यही भावना थी। उन्होंने कहा कि इस समय सबके हित में, मुख्य सेवक के रूप में, देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब हम उत्तराखण्ड की 25वीं वर्षगांठ मनायेंगे, उस समय उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य होगा।
इसके लिये हम सभी के विचार आमंत्रित कर रहे हैं तथा अगले 10 सालों का रोडमैप तैयार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच मोह में 500 से अधिक फैसले लिये हैं, जो घोषणा की जा रही है, उसका शासनादेश भी तुरन्त जारी होता है। उन्होंने कहा कि हमने हर क्षेत्र में फैसले लिये हैं तथा हम चाहते हैं कि हर क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड के चौमुखी विकास लिये 18 हजार करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।