Thursday , 21 November 2024
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फार्मासिस्ट को बना दिया रजिस्ट्रार, फैसले को बदलने की मांग

भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में पिछले कई माह से अनियमित कार्यों और आयुष चिकित्सकों के हितो के विरोध में जो कार्य किये जा रहे हैं उससे आयुष चिकित्सा पद्धति की देश मे छवि धूमिल होती जा रही है। परिषद ने अब एक और कारनामें को अंजाम दीया है. कार्यकारी रजिस्ट्रार का पद फार्मासिस्ट को दिया गया है जो कि किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता है। मन जा देश मे कहीं भी आज तक नहीं हुआ होगा। वो काम भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में किए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कार्य व्यक्तिगत स्वार्थ के वशीभूत होकर अनियमित कार्यों को करवाने की मंशा से और आयुर्वेद चिकित्सकों को अपमानित करने के लिए किया गया है।
 
आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि क्या परिषद को हज़ारों की संख्या में रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सकों में से एक भी योग्य चिकित्सक नहीं मिला जो इस पद को संभाल सके? आयुर्वेद चिकित्सकों का मानना है कि जिस चिकित्सा परिषद में BAMS, MD, PhD आयुर्वेद की डिग्री वाले उच्च शिक्षित चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन हो, क्या उस परिषद का रजिस्ट्रार पद एक फार्मासिस्ट को दिया जाना उचित प्रतीत होता है?
 
उच्चाधिकारियों को हज़ारों योग्य आयुर्वेद चिकित्सकों(वैद्यों) की जगह फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रार के पद पर आसीन करना उचित प्रतीत होता है तो सम्भवतः CCIM जो इन सभी संस्थाओं की मातृ एवं केन्द्रीय संस्था है, उसके रजिस्ट्रार और अध्यक्ष पर भी फार्मासिस्ट को ही आसीन करवा दिया जाय. राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ, उत्तराखण्ड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ- डी. सी. पसबोला द्वारा बताया गया कि इस निर्णय से हर बार की तरह पूरे देश मे उत्तराखंड के भारतीय चिकित्सा परिषद की छवि धूमिल हो रही है, इसलिये इस निर्णय को तुरन्त बदल के किसी आयुर्वेद चिकित्सक को रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त करने के आदेश दिलवाने की कार्यवाही सरकार को करनी चाहिए।
 
इस परिषद के अध्यक्ष की भूमिका हर विवादित निर्णय में शामिल होती है। इस अध्यक्ष के रहते  सबका यह मानना है कि आने वाले समय मे भी स्वार्थ के वशीभूत होकर ऐसे ही गलत निर्णय लिए जाने की संभावना है। अत: परिषद के अध्यक्ष पद पर भी किसी योग्य और ईमानदार व्यक्ति को नियुक्त करवाने की कार्यवाही करने की जानी चाहिए।
 
इस सम्बन्ध में राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ, उत्तराखण्ड, के प्रान्तीय महासचिव डॉ. हरदेव रावत, प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ. अजय चमोला, भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड के निर्वाचित सदस्य डॉ. महेंन्द्र राणा (गढ़वाल क्षेत्र), डॉ. चन्द्रशेखर वर्मा (हरिद्वार क्षेत्र), डॉ. हरिद्वार शुक्ला (कुमाऊं क्षेत्र) द्वारा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, आयुष मंत्री एवं आयुष सचिव को कड़ा पत्र लिखकर इस सर्वथा अनुचित निर्णय पर घोर आपत्ति एवं पुरजोर विरोध जताया गया है एवं इस शासनादेश को तत्काल निरस्त करने और इस पद पर सुयोग्य, वरिष्ठ  एवं अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की गयी है। ऐसा ही विरोध पत्र केंद्रीय आयुष सचिव डॉ. राजेश कोटेचा, केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष जयन्त देवपुजारी, भू. पू. केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश त्यागी को भी भेजा गया है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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