Saturday , 7 June 2025
Breaking News

सौड़-सांकरी में पर्यावरण की अलख: रोपे जाएंगे तीन हजार पौधे, ग्रामीणों ने थामा हरियाली का झंडा

सांकरी: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सांकरी में एक अनूठी पहल देखने को मिली। ‘पर्यावरण जन जागृति अभियान’ के तहत ग्रामवासियों, शिक्षकों, छात्रों, विभागीय अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर पर्यावरण सरंक्षण की अलख जगाई। यह आयोजन सांकरी के GMVN परिसर में हुआ। पहले चरण में तीन हजार पौधे लगाए जाएंगे।

उत्तरकाशी जिले के दूरस्थ गांव सौड़-सांकरी में इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक ऐतिहासिक पहल देखी गई। पौध रोपण अभियान के तहत 10 हजार पौधे रोपने का संकल्प लिया गया है

सहायक अध्यापक सुमन रावत की पहल पर शुरू हुए इस अभियान में शिक्षक, छात्र, ग्रामीण, अधिकारी, पर्यावरणविद और हिमाचल से आए प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञों ने मिलकर न केवल पौधारोपण किया, बल्कि लोगों को पर्यावरणीय संकटों और उनके समाधान के प्रति जागरूक भी किया।

अभियान के उद्देश्य

1. ग्रामीण स्तर पर पर्यावरणीय चेतना का विकास करना।

2. हर व्यक्ति को यह अहसास कराना कि पर्यावरण संरक्षण व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी है।

3. 10,000 पौधों का रोपण, जिसमें से 6,000 सांकरी और 4,000 हर्षिल रेंज में लगाए जाएंगे।

4. वनों की कटाई व जल स्रोतों के सूखने के मुद्दे पर संवाद स्थापित करना और समाधान की दिशा में सामूहिक पहल करना।

वृक्ष बंधन अभियान के प्रणेता भक्तानुरागी मुकुंद कृष्ण दास जी मनोज ध्यानी ने कार्यक्रम में लोगों को चेताया कि जंगलों को बचाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। विद्यालयों के बच्चों ने इस अभियान में उत्साह से भाग लेते हुए पौधे लगाए और संरक्षण का संकल्प लिया। मनोज ध्यानी ने कहा कि “आज ज़रूरत है कि हर व्यक्ति पर्यावरण को सिर्फ चर्चा का मुद्दा नहीं, अपने जीवन की प्राथमिकता बनाए। जंगलों की रक्षा अब सरकारी काम नहीं, समूहिक जिम्मेदारी है।

गांव के स्कूलों से आए विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक पौधरोपण में हिस्सा लिया। उन्होंने पर्यावरण पर रचनात्मक स्लोगन और पोस्टर बनाए। बच्चों के साथ-साथ बुज़ुर्गों ने भी इस अभियान को जीवन से जोड़ने का वादा किया।

हिमाचल से आए विशेषज्ञों ने बताया कि जैविक खेती और वृक्ष संरक्षण मिलकर पहाड़ की मिट्टी और संस्कृति दोनों को बचा सकते हैं। यह पहल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव का निरंतर प्रयास है, जिसमें 10 हज़ार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अभियान में वन विभाग, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, हिमाचल से आए नेचुरल फार्मिंग से जुड़े प्रतिनिधि, स्थानीय पंचायतें और वृथा बंधन अभियान के प्रतिनिधि श्री मनोज ध्यानी शामिल हुए।

गांवों बनाएंगे पर्यावरण क्लब

1. 15 गांवों में पर्यावरण क्लब बनाए जाएंगे।

2. तीन द्वारों (सांकरी, मोरी, बड़कोट) पर सामूहिक पौधरोपण।

3. 3,000 छात्र-छात्राओं को पर्यावरण कोचिंग, क्विज़, लेखन और नुक्कड़ नाटकों के ज़रिए जोड़ा जाएगा।

4. गांव के प्रत्येक परिवार से एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया जा रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

श्री खंडासूरी शेड़कुड़िया महासू महाराज के थान में दिव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद

मोरी: चार महासू देवताओं के बजीर, खंडासूरी शेड़कुड़िया महासू महाराज के लगभग 250 वर्ष पुराने …

error: Content is protected !!